स्वाभिमानी बिटिया की 'मुखबिरी' पर इंस्पेक्टर का 'गुडवर्क'
साइकिल पर घूम-घूम कर बेचती एलईडी बल्ब नहीं लेती खैरात इंस्पेक्टर ने थाने बुला उड़ेला दुलार कराएंगे स्कूल में दाखिला।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस
आरिफ खान, शिकोहाबाद: सिरसागंज से आकर शहर में साइकिल पर घूम-घूमकर एलईडी बल्ब बेच रही दस वर्षीय बिटिया के स्वाभिमान की 'मुखबिरी' हुई तो इंस्पेक्टर उसकी तलाश में जुट गए। पुलिस के नाम से ही लोग डरते हैं, मगर थाने से बुलावे की जानकारी मिलने पर ये बिटिया निडर होकर खुद ही पहुंच गई। इंस्पेक्टर ने उसकी आपबीती सुनीं तो हृदय द्रवित हो गया। उसे भरपूर दुलार दिया। उसकी शिक्षा-दीक्षा का जिम्मा ले लिया। इंस्पेक्टर के इस 'गुडवर्क' पर बिटिया की मां गदगद हो गई।
इंस्पेक्टर शिकोहाबाद सुनील तोमर को जानकारी मिली थी कि सिरसागंज से एक बालिका साइकिल पर एलईडी बल्ब बेचने आती है। कोई उसे आर्थिक मदद करना चाहता तो साफ मना कर देती है। कहती है कि बल्ब खरीद लें। इस पर लोग जरूरत न होते हुए भी उससे बल्ब खरीद लेते हैं। स्वाभिमानी बिटिया की मेहनत सुन इंस्पेक्टर इससे मुलाकात को उतावले हो गए। सोमवार तीसरे पहर ये बिटिया थाने पहुंच गई। सिरसागंज से उसकी मां नीतू को भी बुला लिया गया। यहां अपनी कहानी सुनाई। ये है दास्तां
सिरसागंज के गांव कुतुकपुर में ब्याही नीतू ने दो बेटियों को जन्म दिया। बड़ी बेटी आशी है। छोटी की उम्र चार साल है। बेटे की चाहत में अंधे पति ने तीन साल पहले नीतू और उसकी दोनों बेटियों को घर से निकाल दिया। नीतू अपने रिश्तेदार के पास दिल्ली चली गई। वहां काम करने लगी। कोरोना काल में काम छिना तो वह गांव लौट आई। सिरसागंजमें किराए पर रहने लगी। भरण-पोषण के लिए नीतू सिरसागंज में ही और आशी शिकोहाबाद में एलईडी बल्ब बेचने लगी। संकट के इस दौर में आशी का स्कूल भी छूट गया। ड्रेस सिलने का दिया आर्डर, कल कराएंगे दाखिला
आशी की ड्रेस के लिए टेलर को रुपये दे दिए हैं। मंगलवार को सिरसागंज जाकर किसी स्कूल में आशी का दाखिला कराएंगे। वो जब तक पढ़ना चाहेगी, पूरा खर्चा उठाएंगे। परिवार की अन्य मदद भी करेंगे। उसके पिता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कराई जाएगी।
- सुनील तोमर
इंस्पेक्टर, शिकोहाबाद