तहसीलों में काम ठप, कलक्ट्रेट पर अधिवक्ताओं का प्रदर्शन
जागरण टीम, फिरोजाबाद: जमीन की सर्किल रेट में बढ़ोत्तरी और नियमों में संशोधन के विरोध में सभी तहसीलों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। कई दिनों से न तो बैनामे हुए हैं और न एसडीएम, तहसीलदार कोर्ट में मुकदमों की सुनवाई हो पाई है। बुधवार की सुबह पांचों तहसीलों के अधिवक्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने के साथ ही डीएम से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा।
प्रशासन ने छह अगस्त से नई सर्किल रेट लागू की थीं। इसके साथ ही इसका विरोध शुरू हो गया। अधिवक्ताओं का कहना है कि कई स्थानों पर रेट चार गुना तक बढ़ा दी गई हैं। वहीं नियमों में इस तरह के बदलाव किए गए हैं, जिससे सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में भ्रष्टाचार बढ़ेगा। अपनी बात डीएम तक पहुंचाने के लिए बुधवार की सुबह सभी तहसीलों से अधिवक्ता जिला मुख्यालय पहुंचे। इसके बाद नारेबाजी करते हुए डीएम कार्यालय पहुंचे। डीएम रवि रंजन को ज्ञापन सौंपकर नई सर्किल रेट व संशोधित नियमावली वापस लेने की मांग की। इसके बाद अधिवक्ताओं की सभा हुई।
इसमें उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था से सब-रजिस्ट्रार कार्यालयों में आए दिन विवाद होगा। कार्यालयों में इंस्पेक्टर राज कायम हो जाएगा। इस अवसर पर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नाहर सिंह यादव, महासचिव भरत यादव, भंवर सिंह सोलकी, धीरेंद्र कुमार शर्मा, प्रेम किशोर यादव, विजय प्रताप, जयप्रकाश, ब्रजेश यादव, कृष्ण औतार यादव, कपिल श्रीवास्तव, उमाशंकर निषाद, सुरेश कुमार, महीपाल सिंह, नेत्रपाल सिंह, नृपेंद्र पाल, विजय शर्मा, अनीश कुमार राजपूत आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे। शिकोहाबाद के वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल यादव का कहना है कि डीएम ने कोई ठोस आश्वासन भी नहीं दिया। हम दो दिन तक इंतजार करेंगे। यदि मांगें न मानी गईं तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा।
- प्रशासन ने पांच वर्ष बाद बढ़ाए सर्किल रेट.. प्रशासन द्वारा जमीनों के सर्किल रेट की हर वर्ष बढोतरी की जाती है। 2015-2016 में आखिरी बार सर्किल रेट बढ़ाए गए। इसके बाद एक साल प्रशासन ने रेट नहीं बढ़ाए और फिर कोरोना के कारण प्रक्रिया थमी रही। इस बार रेट बढ़ाए जाने के बाद अधिवक्ता आंदोलतरत हैं।
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दो दिनों से नहीं हुआ एक भी बैनामा, लाखों के राजस्व की हानि
अधिवक्ताओं की हड़ताल से रोज लाखों रुपए राजस्व की हानि हो रही है। हालांकि प्रभारी सहायक महानिरीक्षक स्टांप गौरव वर्मा का कहना है कि छुट्टियों के कारण हड़ताल का ज्यादा असर नहीं हुआ है, लेकिन दो दिनों से किसी भी तहसील में बैनामे नहीं हुए हैं।