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स्वनिधि योजना में फर्जीवाड़ा, कागजों में बांट दी निधि

दूसरी किस्त के लिए 619 लाभार्थी किए गए चिह्नितपहली किस्त में हेराफेरी की आश्ाका डूडा को करीब पांच दर्जन लाभार्थियों में से 50 फीसद मामले मिले गड़बड़।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 06:05 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 06:05 AM (IST)
स्वनिधि योजना में फर्जीवाड़ा, कागजों में बांट दी निधि
स्वनिधि योजना में फर्जीवाड़ा, कागजों में बांट दी निधि

राजीव शर्मा,फीरोजाबाद : स्ट्रीट वेंडर के लिए शुरू की गई पीएम स्वनिधि योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है। तमाम ऐसे आवेदकों को कागजों पर लाभार्थी दर्शाया गया है जिन्हें निधि मिली ही नहीं। दूसरी किस्त के लिए जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) ने जब इनसे संपर्क किया,तो असलियत सामने आई। खास बात यह है कि लाभार्थी बनाने के बाद इनका बैंक खाता भी तीन महीने बाद बंद कर दिया गया।

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शहर के करबला निवासी ब्रह्मप्रकाश शर्मा का मामला ही लें। सड़क किनारे फल की ठेल लगाते हैं। पिछले वर्ष कोरोना काल में रोजगार ठप हो गया। जमा पूंजी खत्म हो गई। करीब आठ महीने पहले कारोबार के लिए पीएम स्वनिधि योजना के तहत आवेदन किया। 10 हजार रुपये का लोन मिलना था, लेकिन कई चक्कर काटने के बाद भी लोन नहीं मिला। दो दिन पहले उनके पास फोन पहुंचा कि आपने लोन चुका दिया है, अब 20 हजार रुपये के लोन के लिए आवेदन कर दें। ब्रहमप्रकाश का कहना है कि उन्हें तो लोन मिला ही नहीं। जैसे-तैसे ठेल लगा पा रहे हैं। इसी तरह, ठेल पर बच्चों के कपड़े बेचने वाले दुर्गेश नगर निवासी नियाज मोहम्मद ने आठ महीने पहले 10 हजार रुपये के लोन को आवेदन किया। कई बार बैंक गए, लेकिन उन्हें लोन नहीं मिला। जबकि उन्हें भी लाभार्थी दर्शा दिया गया। चंद्रवार गेट निवासी परचून दुकानदार रेनू देवी के तो मोबाइल फोन पर बैंक की ओर से लोन मैसेज भी आया था। मगर, उनके खाते में एक रुपया भी नहीं आया। बैंक ने उनका लोन एकाउंट भी बंद कर दिया है। ये है योजना

जुलाई 2020 में शुरू हुई पीएम स्वनिधि योजना का उद्देश्य उन स्ट्रीट वेंडर को रोजगार के लिए दस हजार रुपये का लोन दिलाना था, कोरोना काल में जिनका रोजगार ठप हो गया था। निर्धारित अवधि में लोन की राशि वापस करने वाले लाभार्थियों को दूसरे चरण में बीस हजार रुपये का लोन दिया जाना है। ऐसे पकड़ में आया मामला

जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) को विभागीय पोर्टल पर 619 लाभार्थियों की सूची मिली, जिन्होंने 10 हजार रुपये का लोन चुका दिया है। बीस हजार के लोन के लिए ऐसे लाभार्थियों को पुन: आवेदन के लिए डूडा अधिकारियों ने शुक्रवार से फोन पर संपर्क किया। अधिकारियों के अनुसार, करीब पांच दर्जन लोगों से फोन पर संपर्क किया गया, इनमें से 50 फीसद ने लोन मिलने से ही इन्कार कर दिया। अन्य लाभार्थियों से भी संपर्क किया जा रहा है। - 18 हजार स्ट्रीट वेंडरों को मार्च 2022 तक देना है लाभ

- 9840 स्ट्रीट वेंडरों को अभी तक दस हजार का लोन देना दर्शाया है बैंकों ने

- 4400 को दी जानी है 20-20 हजार का लोन

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बैंकों में लोन दर्शाया जाना और आवेदकों को न मिलना, गंभीर मामला है। लाभार्थियों को भी बैंक में जाकर संपर्क करना चाहिए।

- निर्मल टोपो

लीड बैंक प्रबंधक

दूसरी किस्त के लिए लाभार्थियों से संपर्क करने पर कई मामले ऐसे सामने आए हैं, जिनमें बैंक द्वारा लाभार्थी का आवेदन स्वीकृत करने के बाद इनका लोन एकाउंट खोला गया, लेकिन लोन दिए बिना ही एकाउंट बंद कर दिया। विभाग को लोन की धनराशि लाभार्थी के खाते में भेजने की सूचना (डिस्बर्समेंट) दे दी गई। यह गंभीर मामला है। इसकी जानकारी लीड बैंक प्रबंधक को दे दी है।

-सुभाष वीर राजपूत, परियोजना अधिकारी डूडा


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