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जन्म दिवस के दिन बालक की नाले में गिरकर मौत

गाय के हमले से बचने का किया था प्रयास आसफाबाद में रविवार सुबह हुई घटना से मचा कोहराम साइकिल से घर लौट रहा था बालक मौके पर पहुंचे विधायक और रसूलपुर थाने की पुलिस

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jul 2019 10:48 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jul 2019 10:48 PM (IST)
जन्म दिवस के दिन बालक की नाले में गिरकर मौत
जन्म दिवस के दिन बालक की नाले में गिरकर मौत

फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। रविवार सुबह आसफाबाद चौराहा के निकट हुई घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया। जन्मदिन की खुशी में दोस्तों से मिलने के बाद साइकिल से लौट रहा बालक गाय से बचने की कोशिश में गहरे नाले में गिर गया। आसपास के लोगों की मदद से पुलिस ने उसे निकाल तो लिया लेकिन जिदगी नहीं बचा सकी। मौके पर पहुंचे विधायक ने आर्थिक संकट से जूझ रहे परिजनों को एक लाख रुपये की मदद मुहैया कराई।

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आसफाबाद में लहरी हॉस्पिटल के पास रहने वाले नरेंद्र प्रजापति के छह वर्षीय पुत्र हर्षित का रविवार को जन्मदिन था। सुबह करीब 8.45 बजे कुछ दोस्तों के साथ साइकिल से खेलने गया था। मोहल्ले में ही कमला देवी इंटर कॉलेज में कक्षा एक का छात्र हर्षित नाले की पटरी पर साइकिल से लौट रहा था। घर से बमुश्किल 150 मीटर की दूरी पर अचानक गाय ने उस पर हमला किया। बचने के लिए वह साइकिल छोड़कर भागा और करीब दस फुट गहरे नाले में गिर गया। यह देख मौके पर अफरातफरी मच गई। पड़ोसियों के अलावा परिजन व इंस्पेक्टर रसूलपुर बीडी पांडेय मौके पर पहुंचे। कुछ युवक नाले में कूद गए। नगर विधायक मनीष असीजा भी वहां पहुंच गए। करीब 20 मिनट की मशक्कत के बाद बच्चे को नाले से निकालकर सरकारी ट्रामा सेंटर ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। विधायक, मेयर नूतन राठौर और तहसीलदार सदर ब्रह्मानंद ने पोस्टमार्टम गृह पहुंच परिजनों को ढांढस बंधाया। हर्षित दो भाइयों में छोटा था।

पिता पक्षाघात और मां लिवरसिरोसिस से पीड़ित: मृतक हर्षित के पिता नरेंद्र ने बताया कि पक्षाघात होने के कारण वे ज्यादा चल नहीं पाते। वहीं उनकी पत्नी रेनू लिवरसिरोसिस से पीड़ित हैं। उनके घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। उनके साले बांके लाल और अन्य रिश्तेदार आर्थिक मदद कर रहे हैं।

रेलिग होती तो नहीं जाती हर्षित की जान:मृतक बालक के परिजन और पड़ोसियों ने इस घटना के लिए नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है। सबका कहना है कि यदि नाले पर स्लैब या इसके किनारे रेलिग होती तो हर्षित की जान नहीं जाती।


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