दिल मिले मगर दर्द अभी बाकी है..
फीरोजाबाद: अपनापन दिखाकर अपमान का दर्द बयां कर गए पांच मिनट में शिवपाल यादव। इटावा में खाया खिलाया केक, बैकड्रॉप से लेकर बैनरों में नहीं दिखी तस्वीर।
डॉ. राहुल ¨सघई, फीरोजाबाद: सूबे के सबसे बड़े सियासी परिवार में दिलों की दूरियां मिटती तो नजर आई, मगर टीस बाकी दिखी। कलह के दिनों में रिश्तों पर जमी बर्फ तो पिघलती लगी, मगर दर्द के साथ। इटावा में जन्मदिन का केक खाकर शिकोहाबाद आए शिवपाल यादव महज पांच मिनट रुके और सारी बातें कह गए। अपमान की याद दिलाई और छोटे भाई की तरह बड़े भाई से शिकवा किया। अंत में एका को जरूरी बताकर चले गए।
विस चुनाव के पहले सैफई परिवार में संग्राम शुरू हुआ था। इस संग्राम में एक तरफ प्रो. रामगोपाल यादव थे तो दूसरी तरफ प्रदेश अध्यक्ष रहे शिवपाल ¨सह यादव। रिश्ते के साथ-साथ कार्यकर्ता भी खेमों में बंट गए। समझौते की आखिरी उम्मीद खत्म हुई और पार्टी में नया युग शुरू हो गया। विस में करारी शिकस्त के बाद से अब तक परिवार में एकता की कोशिशें परवान नहीं चढ़ पाई। पिछले दिनों से प्रो. रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव में पारिवारिक आयोजन से नजदीकियां शुरू हुर्इं और प्रो. यादव के जन्मदिन पर परवान चढ़ीं।
शिकोहाबाद में प्रो. यादव के 72वें जन्मदिन पर परिवार की एकजुटता की तैयारी शुरू हुई। मुलायम ¨सह और शिवपाल ¨सह के आयोजन में शामिल होने की खबरों से कार्यकर्ता भी उत्साहित थे। शुक्रवार को रामलीला मैदान पर लगे विशाल मंच पर दस बजे आयोजन शुरू हुआ। मंच के बैक ड्रॉप पर शिवपाल की तस्वीर नहीं थी। सुबह इटावा में केक कटवाने के बाद सुबह लगभग 10.45 बजे शिवपाल शिकोहाबाद पहुंच गए। प्रो. यादव को बधाई दी। बात सपाइयों के संघर्ष से शुरू कर, अखिलेश सरकार की उपलब्धियों तक पहुंची। इसके बाद प्रदेश सरकार पर हमला बोला और कहा कि अब हमें एक बार फिर संघर्ष करना होगा। शिवपाल बोले सब कुछ करने के बाद भी हमने मुकाम खो दिया। प्रो. यादव को बड़ा भाई बताकर बधाइयां दीं और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि मैंने प्रोफेसर साहब का हर समय सम्मान किया, मैंने कभी भी बात को गिराया नहीं, इसके बाद भी अपमान मिला है। उससे ही हमारा मुकाम गया है। आगे कहा कि नेतृत्व को सलाह देना चाहता हूं कि चुगलखोरों और चापलूसों से दूर रहें। इन्हीं की वजह से हमने अपना मुकाम खोया है। मैंने जो कहा था अगर उस पर चले होते तो आज मुकाम नहीं जाता। अब हमें एक होना है। समाजवादी सोच और सेक्यूलर लोगों को साथ लेकर संघर्ष की राह पर चलना है।
मुलायम ने खाया-खिलाया केक, की तारीफें: दिल्ली से मंच पर पहुंचे मुलायम ¨सह ने प्रो. रामगोपाल के साथ केक काटा। दोनों ने एकदूसरे को केक खिलाया और फिर एक दूसरे की तारीफें कीं। मुलायम ¨सह ने यहां तक कहा कि राज्यसभा में भी इनके भाषणों की तारीफ होती है।