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जातिवादी सियासत में तार-तार पड़ोसी गांव के रिश्ते

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: महज तीन किमी की दूरी पर बसे हैं सिरसागंज के सेनावली और पैंगू गढ़ी गांव।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 May 2018 11:53 PM (IST)Updated: Mon, 21 May 2018 11:53 PM (IST)
जातिवादी सियासत में तार-तार पड़ोसी गांव के रिश्ते
जातिवादी सियासत में तार-तार पड़ोसी गांव के रिश्ते

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: महज तीन किमी की दूरी पर बसे हैं सिरसागंज के सेनावली और पैंगू गढ़ी गांव। आबादी के बीच तकरीबन एक किमी की दूरी है, तो खेतों की मेड़ एक-दूसरे से सटी हुई हैं, लेकिन ग्रामीणों के बीच खड़ी है, तो एक नफरत की दीवार। जो आए दिन इस क्षेत्र में विवादों का सबब बनती हैं। मारपीट के बाद पंचायत बैठती हैं, पंचायतों के फैसले को सियासी दीवार लागू नहीं होने दे रही है। ऐसे में कुछ दिन बाद फिर वही हालात बन जाते हैं। सोमवार को युवक की हत्या के बाद दोनों गांवों के बीच चल रही रंजिश अब खूनी हो गई है। घटना के बाद सैनावली के कई घरों में तनाव भरा सन्नाटा है, तो पैंगू गढ़ी में आक्रोश फैला है।

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ग्रामीणों की मानें, तो कुछ साल पहले ऐसा नहीं था। खेत पहले भी मिले हुए थे। तब पशु भी बेधड़क एक-दूसरे के खेतों में दौड़ते थे। जब कभी विवाद हो भी जाते थे, उन्हें दोनों गांव के बुजुर्ग पंचायत में बैठकर सुलझा लेते थे, लेकिन जब से सियासत का साया इन गांवों पर पड़ा है, तब से दोनों गांवों को जोड़ने वाली मेड़ खून की प्यासी हो गई। छोटी-छोटी बात पर ग्रामीण एक-दूसरे से मारपीट पर आमादा हो जाते हैं। यही विवाद दोनों गांवों में दूरियां बढ़ा रहे हैं। खुद ग्रामीण स्वीकारते हैं कि पिछले साल सत्ता बदलने के बाद घटनाओं में इजाफा हुआ है। छह महीने से विवाद बढ़े हैं। छोटी-छोटी बातों पर अब दोनों पक्ष एक-दूसरे की जान के दुश्मन बन जाते हैं। इसकी वजह है सिरसागंज की क्षेत्रीय सियासत, जिस पर जातिवाद का रंग चढ़ा है। इसके चलते ग्रामीण भी बंट गए हैं। सेनावली ठाकुर बाहुल्य गांव होने के कारण भाजपा का समर्थक माना जाता है, तो पेंगू गढ़ी यादव बाहुल्य होने से सपा समर्थक माना जाता है। समर्थकों की गुटबंदी ने दोनों गांवों के लोगों को पड़ोसी होते हुए भी विरोधी बना रखा है।

आम ग्रामीणों के दिलों में बैठी है दहशत: युवक की हत्या के बाद एक तरफ हंगामा हो रहा था, तो दूसरी तरफ हमलावर पक्ष फरार हो गया है, लेकिन दोनों गांवों में कई ग्रामीण हैं, जिनके दिलों में दहशत बैठ गई है। यह वो ग्रामीण हैं, जो झगड़े से दूर रहते हैं, लेकिन इस घटना के बाद में दोनों गांवों के बीच में पनपने वाली जातिवादी रंजिश की चपेट में आने का डर इन्हें सता रहा है। इनकी मानें तो राजनीतिक दलों के समर्थकों के अभिमान की लड़ाई कहीं अन्य पर भारी न पड़ जाए।

मृतक के परिवार ने बेच दिए थे पशु : थाने में जमा पैंगू गढ़ी के ग्रामीणों का कहना था कि पहले जब मृतक के परिवार के पशु सेनावली के खेतों में घुसे थे, तब मारपीट हुई थी। इसके बाद इस परिवार ने विवादों से बचने के लिए अपने पशु ही बेच दिए थे, लेकिन रविवार को मामूली विवाद के बाद यह घटना हो गई।

एफआइआर के लिए घेरा थाना: सिरसागंज के सेनावली गांव में सोमवार सुबह करीब दस बजे श्यामवीर की हत्या हुई थी। इसके बाद तनाव फैल गया। एफआइआर दर्ज कराने को लेकर बातें चलती रहीं। पुलिस अधिकारी तहरीर मांगते रहे, मगर कोई देने आगे नहीं आया। इसके बाद सिरसागंज विधायक हरिओम यादव व पूर्व जिपं अध्यक्ष विजय प्रताप पहुंच गए। इसके साथ ग्रामीण शाम करीब सात बजे सिरसागंज थाने में मुकदमा दर्ज कराने पहुंचे और थाना घेर लिया। विधायक इंस्पेक्टर के कमरे में बैठे थे। महिलाएं थाने में जमीन पर बैठकर विलाप करती रहीं थीं। बवाल की आशंका पर पुलिस सतर्क रही।

फीरोजाबाद नहीं आए परिवार वाले

शिकोहाबाद में श्यामवीर को मृत घोषित किए जाने के बाद पुलिस शव को फीरोजाबाद ले आई और पंचनामा की कार्रवाई कर पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया। कई घंटे तक परिवार वालों के आने का इंतजार होता रहा, मगर कोई नहीं पहुंचा। बताया जा रहा है कि श्यामवीर के पिता की मौत हो चुकी है और एक भाई है धर्मवीर। वह एफआइआर करवाने के लिए थाने में रुका रहा। 32 वर्षीय श्यामवीर के पांच बच्चे हैं।

टाइम लाइन

सुबह 10.00 बजे: सेनावली गांव में पड़ोसी गांव के श्यामवीर यादव की पीट-पीटकर हत्या।

11.00 बजे: डायल-100 को पुलिस की सूचना दी।

दोपहर 12:00 बजे: पुलिस की गाड़ी पहुंची। श्यामवीर की सांसें चल रही थी, शिकोहाबाद ले जाया गया।

12.30 बजे: इंस्पेक्टर र¨वद्र दुबे फोर्स के साथ पहुंचे।

2.00 बजे: एसएसपी राहुल यादवेंदु फोर्स के साथ पहुंचे। एसडीएम चंद्रभानु भी पहुंचे।

शाम 5.00 बजे: विधायक हरिओम यादव पहुंचे और ग्रामीणों से वार्ता की।

7.00 बजे: विधायक के साथ ग्रामीण सिरसागंज थाने पहुंचे।


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