शहर से गांव तक प्यासे कंठों की पुकार
कॉमन इंट्रो : पारा चढ़ने के साथ ही पेयजल संकट बढ़ता जा रहा है। शहर में पानी को लेकर आए दिन हंगामे
कॉमन इंट्रो :
पारा चढ़ने के साथ ही पेयजल संकट बढ़ता जा रहा है। शहर में पानी को लेकर आए दिन हंगामे हो रहे हैं तो गांव में भी कंठ प्यासे हैं। कहीं टंकी खराब है तो कहीं खारे पानी की समस्याओं से जूझते गांवों में वैकल्पिक इंतजाम ध्वस्त हैं। मंगलवार को फतेहाबाद मार्ग पर सोफीपुर के बा¨शदे सड़क पर उतर आए और जाम लगा दिया। वाहनों की रफ्तार थम गई। एक घंटे तक पुकार गूंजती रही तो शहर के मुहल्ला रामनगर में दस दिन से पानी को भटकते लोगों ने निगम प्रशासन के समक्ष आक्रोश जताया तो आनन-फानन में यहां टैंकर भेज लोगों का गुस्सा शांत किया..
है¨डग :
सड़कों पर उतरे ग्रामीण, सोफीपुर पर जाम
चार दिन से टंकी से नहीं आ रहा है पानी, प्रधान से भी हुई नोक-झोंक
मौके पर पहुंची पुलिस, पेयजलापूर्ति के आश्वासन पर खोला जाम
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : पानी के लिए शहर में होने वाले आंदोलन अब गांवों की तरफ बढ़ने लगे हैं। मंगलवार को फतेहाबाद रोड स्थित सोफीपुर गांव के लोग सड़क पर आ गए और फतेहाबाद रोड पर जाम लगा दिया। करीब एक घंटे तक वाहनों की रफ्तार भी थमी रही। लोगों का आरोप था कि टंकी सही कराने के लिए जनता से रूपये की मांग की जा रही है। मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझा-बुझा कर जाम खोला।
सोफीपुर में एक बड़ी आबादी रहती है। यहां पानी की सप्लाई के लिए गांव में ही टंकी है, लेकिन चार दिन से टंकी से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। पानी न मिलने से परेशान ग्रामीण मंगलवार को सुबह नौ बजे सड़क पर उतर आए। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जाम लगा दिया। फतेहपुर रोड जाम होते ही दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन लग गई। ग्रामीणों का आरोप था कि टंकी पर जाते हैं तो कहा जाता है कि बॉल्व खराब है। इसे बदलने के नाम पर बारह-बारह सौ रुपये मांगे जा रहे हैं। ग्राम प्रधान पर अनसुना करने का आरोप लगाया। बताते हैं इस दौरान ग्राम प्रधान जाम स्थल पर पहुंचे तो उनकी ग्रामीणों से हॉट-टॉक हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण पानी की आपूर्ति की जिद पर अड़े थे। पुलिस के 12 घंटे में पेयजलापूर्ति के आश्वासन पर ग्रामीणों ने जाम खोला।
जनता की बात
तीन दिन से पानी नहीं आ रहा है। गांव में हैंडपंप भी नहीं हैं। नहाने के लिए भी तरस रहे हैं। मजबूरी में ग्रामीणों को जाम लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
-र¨वद्र।
टंकी से पानी नहीं आ रहा है, अब ग्रामीण क्या करें? इधर-उधर से पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है। ऐसे में पूरे गांव ने सड़क पर उतर कर जाम लगा दिया।
-वीरेंद्र