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गरीबी के अंधकार में गुम हो गया घर का चिराग

गरीबी का अंधकार इस कदर स्याह हुआ कि घर का चिराग उसमें गुम हो गया। इलाज के लिए रुपये न होने के कारण बेटे ने परिजनों के सामने ही दम तोड़ दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 11:02 PM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 11:02 PM (IST)
गरीबी के अंधकार में गुम हो गया घर का चिराग
गरीबी के अंधकार में गुम हो गया घर का चिराग

संवाद सहयोगी, टूंडला: गरीबी का अंधकार इस कदर स्याह हुआ कि घर का चिराग उसमें गुम हो गया। इलाज के लिए रुपये न होने के कारण बेटे ने परिजनों के सामने ही दम तोड़ दिया। मौत के पीछे गांव में चिकित्सकों की टीम तो पहुंच गई, लेकिन सरकारी योजनाएं अभी भी कोसों दूर हैं।

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हम बात कर रहे हैं थाना पचोखरा क्षेत्र के गांव मरसेना निवासी योगेन्द्र कुमार पुत्र केदार ¨सह की। परिवार में पत्नी के अलावा बेटा विक्रम (16), संजय (14), पुत्री गीता (18) व सीता चार साल हैं। योगेन्द्र लुधियाना में मजदूरी करते हैं। गांव में सवा बीघा खेती है। पूरा परिवार प्लास्टिक के त्रिपाल के नीचे रहने को विवश है। इसी त्रिपाल में संजय को बुखार आया और उसने दम तोड़ दिया। तंगी के चलते परिजन उसका उपचार नहीं करा सके। आधा दर्जन सदस्यों वाले परिवार का लालन-पालन भी बमुश्किल हो पा रहा है। ग्रामीणों ने गरीब की मदद को प्रयास किए, लेकिन भ्रष्ट व्यवस्था के चलते छत तक नसीब नहीं हो सकी। बेटे का इलाज न कराने का पूरे परिवार को गम है। मौत की खबर सुन बेबस पिता शुक्रवार शाम को गांव पहुंचा, लेकिन अपनी बेबसी पर आंसू बहाने के अलावा कुछ नहीं कर सका।


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