Move to Jagran APP

शर्त ने मुश्किल की माउथ ब्लोइंग कांच उद्योग की राह

शर्त ने मुश्किल की माउथ ब्लोइंग कांच उद्योग की राह

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 11:20 PM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 11:20 PM (IST)
शर्त ने मुश्किल की माउथ ब्लोइंग कांच उद्योग की राह
शर्त ने मुश्किल की माउथ ब्लोइंग कांच उद्योग की राह

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कोरोना के काल में बंदी की मार झेल रहे उद्योग में बोतल बनाने वाले ऑटोमैटिक प्लांट तो शुरू हो गए, लेकिन एक्सपोर्ट के जरिए दूसरे देशों में कांच की चमक तैयार करने वाले माउथ ब्लोइंग कारखानों में अब भी सन्नाटा पसरा है। ढाई महीने से ज्यादा से बंद चल रहे कारखानों के शुरू होने में कोरोना की गाइडलाइन मुश्किलें खड़ी कर रही है। उद्यमी प्रशासन के जरिए सरकार को कोई रास्ता निकालने की बाट जोह रहे हैं। कांच के लिए सुहागनगरी के नाम से मशहूर फीरोजाबाद से एक्सपोर्ट होने वाला कांच माउथ ब्लोइंग उद्योग में तैयार होता है। वर्तमान में दो दर्जन से अधिक माउथ ब्लोइंग यूनिट संचालित हैं। इन इकाइयों में एक्सपोर्ट आइटम, इलेक्ट्रिक शेड, हैडलाइट, सांइटिफिक आइटम के साथ-साथ ग्लास उत्पादन भी होता है। एक यूनिट में 15 से 20 अड्डे चलते हैं। यहां एक शिफ्ट में 100 से 150 मजदूर कार्य करते हैं, जो पाइप के जरिए मुंह से फूंक मारकर कांच आइटमों को आकार देते हैं। फिर इन आइटमों को फिनिशिग, डेकोरेशन व पैकेजिग के बाद देश-विदेश में भेजा जाता है। माउथ ब्लोइंग यूनिट पर ही एक्सपोर्ट का पूरा दारोमदार टिका है। 22 मार्च के बाद सभी माउथ ब्लोइंग यूनिट में कांच उत्पादन ठप होने से हजारों मजदूरों का रोजगार छिन गया है। उद्यमियों की मानें तो डेढ़ सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है।

loksabha election banner

जल्द कार्य शुरू होने के नहीं दिख रहे आसार

लॉकडाउन-3 में राहत का सिलसिला शुरू हुआ तो प्रशासन से औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने की अनुमति प्रदान की। उद्योग विभाग द्वारा सशर्त अनुमति देने के बाद ऑटोमैटिक प्लांट, एक्सपोर्टर, पैकेजिग यूनिटों की राह तो आसान हुई, लेकिन माउथ ब्लोइंग यूनिट शुरू होने में शारीरिक दूरी के पालन ने पेंच फंसा दिया है। लॉकडाउन में कांच उद्योग को करोड़ों की चपत लग चुकी है, लेकिन शारीरिक दूरी का पालन अनिवार्य होने के कारण जल्द कार्य शुरू होने के आसार नजर नहीं आ रहे। - लॉकडाउन पीरियड में में उद्योग धंधे शुरू करने के लिए सरकार द्वारा गाइड जारी की गई है। उसका माउथ ब्लोइंग यूनिट में पालन करना संभव नहीं है। यदि हम अड्डे कम करने के बाद भी काम शुरू करते हैं तो खर्चे पूरे होंगे। कांच उत्पादन कम होगा तथा प्रोडक्शन कॉस्ट भी बढ़ जाएगी। इससे कार्य शुरू करने का कोई लाभ नहीं मिलेगा।

- प्रमोद गर्ग, कांच उद्यमी - कोरोना महामारी के चलते दो माह से सभी माउथ ब्लोइंग यूनिटों में कांच उत्पादन कार्य बंद है। देश भर में लॉकडाउन होने के कारण बाहर से आर्डर मिलना भी संभव नहीं है। बाजार में लाखों रुपए का भुगतान फंसा वह भी नहीं मिल रहा है। जब तक मार्केट पूरी तरह नहीं खुलेगा, माउथ ब्लोइंग यूनिट में कार्य शुरू होना संभव नहीं है।

- अभिषेक मित्तल चंचल, कांच उद्यमी

एक नजर

-दो दर्जन से ज्यादा हैं फीरोजाबाद में माउथ ब्लोइंग उद्योग

-तीन शिफ्ट में चलता है प्रतिदिन काम

- 12 हजार से ज्यादा मजदूर करते हैं काम, बैठे हैं बेकार

- 150 करोड़ का कारोबार हो चुका है प्रभावित


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.