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घर का हुआ इंतजाम मगर परिजन न रहे

फीरोजाबाद: घर को पाई-पाई जोड़ने वाले सौदान को मिलेंगे आठ लाख, मगर नहीं रही पत्नी-बेटी। कुछ महीने पहले ही चल बसे थे दो बेटे, परिवार के नाम पर दो बेटे और अकेला बाप।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 11:33 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 11:33 PM (IST)
घर का हुआ इंतजाम मगर परिजन न रहे
घर का हुआ इंतजाम मगर परिजन न रहे

डॉ. राहुल कुमार ¨सघई, फीरोजाबाद: कुछ महीने पहले भरा पूरा परिवार था, एक घर का ख्वाब था। इस ख्वाब को पूरा करने के लिए सौदान ¨सह दिन रात पसीना बहाता। दिल्ली में पाई-पाई जोड़ता और छह महीने बाद पति-पत्नी आकर घर का काम लगा देते। वक्त का पहिया घूम चुका है। सौदान के खाते में कल मुआवजे के आठ लाख रुपये होंगे। बदकिस्मती यह है कि घर बनाने का इंतजाम तो है, मगर रहने वाले तमाम हो चुके हैं। कल की आंधी में पत्नी और बेटी चल बसी तो बीते दो महीने में बीमारियां दो बेटे लील गईं। अब सौदान अकेला बिलख रहा है।

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मूल रूप से फरिहा के गांव नगला नोजल निवासी सौदान दिवाकर रोजगार की तलाश में कई साल पहले दिल्ली गया था। वहां रेहड़ी चलाना शुरू कर दिया। पत्नी सोनकली और पांच बच्चों के परिवार का सपना अपने शहर में अपने घर का था। इसलिए सौदान ने दो साल पहले चनौरा में प्लॉट खरीदा, मगर एक साथ घर बनवाने के लिए पैसे नहीं थे। तय किया कि पैसा जोड़कर धीरे-धीरे काम कराया जाएगा। पहली नींव तक काम कराया और फिर अलग-अलग समय दीवारें खड़ी करवाईं। घर के ख्वाब को पूरा करने के लिए सौदान की पत्नी सोनकली ने दिल्ली में ही कपड़े प्रेस करने का काम शुरू कर दिया। दोनों छह महीने तक कमाते और फिर फीरोजाबाद आकर घर बनवाते। पैसा खत्म होने पर फिर से दिल्ली लौटकर काम में जुटे जाते। इसके बाद वह दिल्ली से 25 अप्रैल को ही परिवार के साथ फीरोजाबाद आए थे ताकि मकान बन जाए तो बच्चों को यहां पर रख सकें।

परिजनों के मुताबिक लगभग एक साल पहले मुसीबतें शुरू हुई, मगर सौदान और उसकी पत्नी सोनकली जूझते रहे। दस माह पहले अचानक 18 वर्ष के बेटे रवि को बुखार आया और उसकी मौत हो गई। परिवार उसकी मौत के गम को भुला भी न सका था दूसरे नंबर के बेटे प्रदीप को पेट की समस्या हो गई और वह भी चल बसा। परिवार में पत्नी सोनकली और 14 वर्षीय गुलशन एवं 12 वर्षीय राजू एवं दस वर्षीय नंदिनी ही बचे थे। इन्हें वह फीरोजाबाद शिफ्ट करना चाहता था। घर में सिर्फ लेंटर पड़ने का काम बाकी था, लेकिन आंधी ने घर का निर्माण तो अधूरा छोड़ा ही, पत्नी एवं बच्ची को भी छीन लिया। जिस मकान को लेकर पूरा परिवार उत्साहित था, हादसे के बाद में उस मकान पर सन्नाटा बिखरा हुआ है।


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