सावधान, सुहागनगरी में फिर सुनाई देने लगी हैं डेंगू की आहट
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: सावधान, सु़हागनगरी में फिर डेंगू की आहट सुनाई देने लगी है। घरों में साफ पानी में मच्छरों के लार्वा मिल रहे हैं। अब तक डेंगू के चार मरीज भी मिल चुके हैं। पिछले साल अगस्त में डेंगू से जिले में हाहाकार मचा था। सैकड़ों घरों की खुशियां छीन गई थीं। इस बार फिर बस्तियों में लापरवाही मिल रही है। घरों में पानी जमा है और उसमें मच्छर पनप रहे हैं। यदि लोग जागरूक न हुए तो डेंगू के कहर से इंकार नहीं किया जा सकता।
पिछले वर्ष जुलाई के आखिरी सप्ताह से डेंगू ने पैर फैलाना शुरू किए। स्वास्थ्य विभाग इसे सामान्य बुखार बताता रहा और शहर से लेकर देहात तक हजारों लोग इसकी चपेट में आ गए। डेंगू के डी टू स्ट्रेन ने बच्चों और किशोरों को अधिक चपेट में लिया था। अनाधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ढाई सौ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें करीब 70 प्रतिशत संख्या बच्चों और किशोरों की थी। डेंगू का प्रकोप थामने के लिए दिल्ली और लखनऊ की वेक्टर बोर्न डिजीज टीमों को जिले में डेरा डालना पड़ा था। मरीजों के खून की जांच लखनऊ की लैब में करानी पड़ी थीं। इस साल भी एक पखवाड़े में राजा का ताल क्षेत्र स्थित कालोनी और भारौल में तीन लोग डेंगू से पीड़ित मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इन सभी के अब पूरी तरह स्वस्थ होने की बात बताई है, लेकिन शहरी- ग्रामीण इलाकों में घरों में लार्वा मिल रहे हैं।
----
कई मुहल्लों में अधिक मिल रहे लार्वा
शहर के सत्यनगर, इंदिरा नगर, लवकुश नगर समेत कई मुहल्लों के घरों में लार्वा अधिक मिल रहे हैं। इसलिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगमों की टीमों ने इन क्षेत्रों में गतिविधियां बढ़ा दी हैं।
- सरकार की नहीं आपकी खुद की है बचने की जिम्मेवारी
हर बीमारी के लिए सरकार को जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता। डेंगू एनाफिलीज प्रजाति के मादा मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर आपके घर में नमी वाली जगह और साफ ठहरे पानी में अंडे देता है। इसका खुद ख्याल रखें।
- घरों के आसपास जलभराव नहीं होने दें, यदि कहीं जलभराव और गंदगी की समस्या है तो उसकी जानकारी नगर निगम को दें।
- घरों में पानी एकत्रित कर न रखें, कूलर में पानी रोजाना बदलते रहें, फ्रिज की रोजाना सफाई करें, मच्छरों से बचाव करें।
- बच्चों के लिए फुल पेंट और कमीज पहनाएं। क्योंकि डेंगू का मच्छर ज्यादा उड़ नहीं पाता, इसलिए पैरों के निचले हिस्से में काटता है।
- बुखार होने पर सरकारी अस्पताल या प्रशिक्षित डाक्टर से इलाज करवाएं। झोलाछाप के पास न जाएं, अन्यथा बीमारी बिगड़ सकती है।
---
आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 375 टीमें घरों में जाकर इस बीमारी से बचाव के बारे में जानकारी दे रहे हैं। टीमों को अब तक 275 घरों में लार्वा मिले हैं। जिन क्षेत्रों में अधिक लार्वा पाए जाते हैं वहां लार्वीसाइडर का छिड़काव व फोगिंग कराई गई है।
- एसीएमओ डा. अशोक कुमार, एसीएमओ