कोरोना पॉजिटिव एक और महिला पार्षद की सैफई में मौत
सब हैड- तीन दिन पूर्व 31 मई को तबियत बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज में कराया था भर्ती कल आई थी पॉजिटिव क्रासर- मंगलवार दोपहर एम्बुलेंस से भेजा था सैफई बेटे ने लगाए मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही के आरोप- ननि में दशहत बढ़ी दोपहर बाद पहुंचा शव शाम को हुआ अंतिम संस्कार शनिवार को हुई थी बसपा पार्षद की मौत
जागरण संवाददाता,फीरोजाबाद: अनलॉक की घोषणा के साथ ही कोरोना ने घातक चाल शुरू कर दी। मंगलवार दोपहर कोरोना पॉजिटिव पाई गई नगर निगम की भाजपा महिला पार्षद की सैफई मेडिकल कॉलेज में देर रात मौत हो गई। मौत की खबर आते ही नगर निगम में दहशत फैल गई। इससे पहले शनिवार को एक महिला पार्षद की मौत हुई थी। वहीं भाजपा महिला पार्षद के बेटे ने स्थानीय मेडिकल प्रशासन पर लापरवाही के संगीन आरोप लगाए हैं। शाम को सैफई से शव पहुंचने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसके साथ ही कोरोना से मौत का आंकड़ा 14 पर पहुंच गया है। मुहल्ला टीला निवासी महिला पार्षद को 31 मई की सुबह ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। उन्हें तेज सर्दी और सांस लेने में परेशानी थी। मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ आलोक शर्मा के मुताबिक हालात बिगड़ने पर आइसीयू में भर्ती किया गया और इसके बाद उन्हें वेंटीलेटर लगाया गया। मंगलवार दोपहर पॉजिटिव आई रिपोर्ट के बाद दोपहर तीन बजे उन्हें सैफई रैफर किया गया था। देर रात 11 बजे वहां से उनकी मौत की सूचना आई थी। इधर सुबह तक शहर में महिला पार्षद की मौत की खबर लगते ही सनसनी फैल गई और नगर निगम में माहौल शोकाकुल हो गया। चार दिनों में दो महिला पार्षदों की मौत के बाद नगर निगम में दहशत बढ़ गई है। शाम पांच बजे सैफई से एंबुलेंस से शव लाया गया। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार कर दिया गया। महिला पार्षद के निधन पर नगर निगम में शोकसभा का आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
खबर के साथ बॉक्स मेरी मां की मौत के लिए मेडिकल प्रशासन जिम्मेवार
पार्षद पुत्र जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: कोरोना पॉजिटिव की मौत पर एक बार फिर मेडिकल प्रशासन कटघरे में है। महिला पार्षद पुत्र ने आरोप लगाते हुए मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पार्षद पुत्र का कहना है कि बारिश में भींगने के कारण उसकी मां की तबियत बिगड़ी थी, जिस पर सरकारी ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। दो दिन वहां पर इलाज में लापरवाही बरती गई। मंगलवार को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सैफई रेफर किया गया। जिस एम्बुलेंस में उन्हें ले जाया जा रहा था, उसमें ऑक्सीजन नहीं थी। इसका विरोध करने पर एम्बुलेंस चालक ने छोटा सिलेंडर रखा था। साथ में किसी को नहीं जाने दिया गया। वहीं उन्हें सुबह तक मां की मौत की खबर नहीं दी। मेरी मां की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के कारण हुई है। इस मामले में प्रभारी सीएमएस डॉ आलोक शर्मा का कहना है कि हालत में सुधार न होने पर परिवार की सहमति से सैफई भेजा गया था। लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली एम्बुलेंस में डॉक्टर भी गए थे। सैफई से रात 11 बजे मौत की सूचना मिली थी, लेकिन परिवार द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क नहीं हो पाया। सुबह परिचितों के जरिए सूचना दी गई थी। आरोप निराधार हैं।