ट्रॉमा सेंटर में बच्चे का शव छोड़ भागा झोलाछाप
फीरोजाबाद जागरण संवाददाता। झोलाछाप के क्लीनिक पर इलाज के दौरान राजस्थान के चुरू निवासी डायरिया से पीड़ित नौ माह के बच्चे की तबियत बिगड़ गई। झोलाछाप एवं परिजन उसे सरकारी ट्रॉमा सेंटर लेकर आए जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह देखकर झोलाछाप भाग गया। बच्चे के शव को लिए दादी और उसकी मां काफी देर तक बिलखती रही और बाद में परिजनों के साथ गांव लौट गई।
फीरोजाबाद, जागरण संवाददाता। झोलाछाप के क्लीनिक पर इलाज के दौरान राजस्थान के चुरू निवासी डायरिया से पीड़ित नौ माह के बच्चे की तबियत बिगड़ गई। झोलाछाप एवं परिजन उसे सरकारी ट्रॉमा सेंटर लेकर आए, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह देखकर झोलाछाप भाग गया। बच्चे के शव को लिए दादी और उसकी मां काफी देर तक बिलखती रही और बाद में परिजनों के साथ गांव लौट गई।
राजस्थान के चुरू निवासी प्रकाश नाथ अपने परिजनों के साथ फरिहा में रहकर सुरमा बेचकर परिवार का भरण पोषण करता है। दो दिन पूर्व उसके नौ माह के बेटे नरेश को डायरिया हो गया था। चनौरा स्थित एक झोलाछाप के यहां उसका इलाज चल रहा था। गुरुवार की दोपहर झोलाछाप की दुकान पर नरेश की तबियत अधिक बिगड़ गई। झोलाछाप और उसकी मां शारदा, दादी बाला उसे सरकारी ट्रॉमा सेंटर लेकर आए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह देखकर झोलाछाप वहां से भाग गया। सूचना मिलने पर अन्य परिजन भी मौके पर पहुंच गए। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिजन बच्चे के शव को अपने गांव चुरु ले गए। इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार का कहना है कि सरकारी ट्रॉमा सेंटर ले जाते समय बच्चे की मौत हो गई थी। परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं आई है।
झोलाछाप पर नहीं होती कार्रवाई:
शहर से लेकर गांव तक दर्जनों की संख्या में झोलाछाप क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। अब तक कई झोलाछाप के यहां मरीजों की मौत हो चुकी है। लेकिन इन पर न तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्रवाई करते हैं और पुलिस भी अपना पल्ला झाड़ लेती है। कार्रवाई नहीं होने से इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।