1500 मजरों को पक्के मार्गो से जोड़ने का कार्य अटका
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: गांवों व मजरों को संपर्क मार्ग से जोड़ने के लिए शासन-प्रशासन का
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: गांवों व मजरों को संपर्क मार्ग से जोड़ने के लिए शासन-प्रशासन का पूरा जोर तो दिया लेकिन बजट अवमुक्त नहीं करा पाई, इससे यह योजना अधर में अटक गई है। जिले के 2200 में 1500 मजरे ऐसे हैं जहां अब तक संपर्क मार्ग नहीं है। ऐसे में स्थानीय बा¨शदों को कच्चे मार्ग व पगदंडियों से होकर आना-जाना पड़ता है। सबसे बड़ी दिक्कतें इन लोगों को बारिश के मौसम में उठानी पड़ती है। वैसे कार्यदायी संस्था ने शासन को 22 करोड़ का स्टीमेट बनाकर कार्यदायी संस्था ने भेजा था। जिसमें 5 करोड़ ही मिल थे।
जनपद में कुल 840 ग्राम पंचायते हैं, 1440 राजस्व गांव व 4200 मजरें हैं। जिन मजरों की आबादी 250 या इससे अधिक है, उन मजरों के संपर्क मार्ग बनवा दिए गए हैं इनकी संख्या 2000 बताई गई है, लेकिन 2200 मजरे ऐसे हैं जिनकी आबादी 250 से कम है। इनमें 700 मजरों के संपर्क मार्ग बन पाए हैं। 1500 मजरों का काम अधर में है। इनके संपर्क मार्ग न बनने से यहां के बा¨शदों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार यहां के बा¨शदों ने मार्ग बनवाने को लेकर आवाज बुलंद की लेकिन नहीं बन पाए। अब मजरों के लोग लोकसभा चुनाव नजदीक आते देख सत्ताधारी नेताओं से मार्ग निर्माण की मांग तेज कर दी है। बजट का इंतजार है, जैसे ही शासन से अवमुक्त होगा, प्रस्तावित मजरों का काम तेजी से करा दिया जाएगा। हालांकि सभी गांवों को संपर्क मार्ग से पहले ही जोड़ा जा चुका और 2000 मजरें 250 आबादी से अधिक वाले जोड़ दिए गए है। अब 250 से कम आबादी वाले 1500 शेष है, जिनके लिए 17 करोड़ का बजट अवमुक्त होना बचा है।
- आरके सोनकर, नोडल अधिकारी पीडब्ल्यूडी