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कागज में काम पूरा, मौके पर मिला आधा-अधूरा

राज्य वित्त एवं 14 वां वित्त के साथ मनरेगा से होने वाले विकास कार्यों पर घाल-मेल पर देर से ही सही लेकिन डीएम संजीव सिंह ने निगाह टिका दी। सोमवार को डीएम की आंखे उस समय खुली रह गयी जब उन्होंने असोथर ब्लाक की ऐझी गांव में मनरेगा और 14 वां वित्त के विकास कार्यों की हकीकत देखी। गांव में जो विकास कार्य कागज में पूर्ण दर्ज थे वही काम आधे अधूरे मिले। गड़बड़ी की आशंका पर डीएम ने संपूर्ण कार्यों पर तकनीकी जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट तलब की है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 07:57 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 06:05 AM (IST)
कागज में काम पूरा, मौके पर मिला आधा-अधूरा
कागज में काम पूरा, मौके पर मिला आधा-अधूरा

जागरण टीम फतेहपुर: राज्य वित्त एवं 14 वां वित्त के साथ मनरेगा से होने वाले विकास कार्यों में घाल-मेल पर देर से सही, लेकिन डीएम संजीव सिंह ने नजर टेढ़ी कर दी है। सोमवार असोथर ब्लाक की ऐझी गांव में मनरेगा और 14 वां वित्त के विकास कार्यों की हकीकत देखी तो उनकी आंखे खुली रह गई। गांव में जो विकास कार्य कागज में पूर्ण दर्ज थे, उनमें अधिकांश आधे अधूरे मिले। गड़बड़ी की आशंका पर डीएम ने संपूर्ण कार्याें तकनीकी कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं।

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ऐझी गांव में घरों का पानी निकल कर तालाब तक पहुंचे इसके लिए मनरेगा से रामपूजन के घर से कुसमा के घर होते हुए कोढि़या तालाब तक नाला खोदा गया है। लाखों की लागत से तैयार यह नाला कागज में पूर्ण है, लेकिन मौके पर काम अधूरा पड़ा है। जबकि भुगतान शत-प्रतिशत हो चुका है। इसी तरह इसी गांव से यमुना नदी तक जाने वाला कंजी नाला भी तीन लाख की लागत से कागज में खुद चुका है, लेकिन मौके पर काम अधूरा है। गांव में पहला खड़ंजा दो सौ मीटर और दूसरा खड़ंजा चार सौ मीटर का लगा है। स्टीमेट में इस निर्मित खड़ंजें में दोनों तरफ नालियां भी स्वीकृत है अंधेर यह है कि धनराशि नालियों तक के निर्माण की निकाल दी गयी है, लेकिन बनाई नहीं गई। उपरोक्त सभी निर्माण कार्यों के लिए डीएम ने एक्सईएन आरईएस नीरज सिंह के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित करते बिदुवार जांच कर रिपोर्ट मांगी है। उन्होनें कहा कि पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोटे में खुद तौला राशन, देखा हार्वेस्टर

निरीक्षण के दौरान डीएम बेसड़ी गांव पहुंचे और ग्रामीणों से मुखातिब होकर कोटे से मिलने वाले राशन की पड़ताल की। वह रामरती के कोटे में स्वयं गए और राशन की तौल की। कांटा-बांट सही मिले। राशन वितरण रजिस्टर का सत्यापन लाभार्थियों को बुलाकर किया। गांव में ही खड़ी रमन तिवारी की हार्वेस्टर मशीन को डीएम ने देखा। कहा कि अगर केवल धान कटाई की जाती है और अवशेष का भूसा नहीं बनाया जाता तो पराली जलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। पराली पर मुकदमा, तालाब पर मिले घर

डीएम ने ऐझी से निकले तो पराली जलती दिखाई दी। उन्होंने कृषक बच्छराज के खेत में खड़े होकर पराली का मूल्यांकन किया। खेत के पूरब,उत्तर, दक्षिण दिशा में पड़ने वाले खेतों में पराली जलती मिली। लेखपाल को निर्देश दिये कि खतौनी से देखकर इन किसान पर मुकदमा दर्ज कराएं और जुर्माना भी वसूले। इसके बाद वह बेसड़ी गांव का तालाब देखने पहुंचे तालाब में अनेक घर बने देखकर कानूनगो को नापजोख कर तालाबी नंबर पर बने घरों की सूची तैयार कर इनके खिलाफ धारा 67 का मुकदमा चलाने का निर्देश दिया। गायब मिले केंद्र प्रभारी कार्रवाई के निर्देश

डीएम ने बेसड़ी गांव में नैफेड द्वारा संचालित धान क्रय केन्द्र का निरीक्षण किया। यहां केन्द्र प्रभारी संतोष यादव अनुपस्थित मिले जिस पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया। केंद्र में बीस हजार के सापेक्ष मात्र ग्यारह हजार क्विंटल धान खरीद मिली। यहां बारह सौ खाली बोरों की उपलब्धता पायी गयी। केंद्र में इलेक्ट्रानिक कांटा को मापने के लिये बांट उपलब्ध नही थे। उन्होंने निर्देश दिये कि पूरा विवरण मय मोबाइल नंबर रजिस्टर पर अंकित किया जाए ताकि किसान के साथ कोई धोखाधड़ी न हो सके।


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