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हम मनुज हैं, मनुजता साकार होना चाहिए

जागरण संवाददाता फतेहपुर शैलेंद्र साहित्य सरोवर के बैनर तले एक सरस काव्य गोष्ठी का आय

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 08:40 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 08:40 PM (IST)
हम मनुज हैं, मनुजता साकार होना चाहिए
हम मनुज हैं, मनुजता साकार होना चाहिए

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शैलेंद्र साहित्य सरोवर के बैनर तले एक सरस काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कवि मधुसुदन दीक्षित की अध्यक्षता और शैलेंद्र कुमार द्विवेदी के संचालन में हुआ। वाणी वंदना में मधुसुदन दीक्षित ने पढ़ा आती हो प्रकाश बन मेटने को अंधकार, कवि के विचारों मे नवीन भाव धारती। इसके आगे उन्होंने पढ़ा हम मनुज हैं, मनुजता साकार होना चाहिए।

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शिवसागर साहू ने पर्यावरण पर जागरूक करते हुए पढ़ा जल की कोई बूंद भी करें न हम बेकार। वर्षा मे संचित करें जीवन का आधार। केपी सिंह कछवाह ने सुनाया दूध छककर नाग पीते, नागफनियों को है पानी। आम,बरगद सूखते हैं,वक्त की है मेहरबानी।। रामावतार गुप्त ने पढा़ रहो भरोसे राम के, करो पूर्ण विश्वास। राम सजीवन मिश्र निर्मल ने पढा़ कहें पेड़ इंसान से दो- दो आंसू रोय। हम अब संकट में घिरे, दरद न जाने कोय। ा।


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