जलभराव ने बढ़ाई दुश्वारियां, चलना दूभर
जागरण संवाददाता फतेहपुर इसे तमाम कवायदों के बाद भी शहर को मजबूत ड्रेनेज सिस्टम नहीं
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : इसे तमाम कवायदों के बाद भी शहर को मजबूत ड्रेनेज सिस्टम नहीं मिल पाया है। आजादी के बाद से अब तक जो कुछ भी हुआ उसके बाद भी जलभराव की समस्या का हल नहीं निकला। आज भी हल्की बारिश में ही कई मोहल्ले तालाब का रूप ले लेते हैं।
2.28 लाख की आबादी वाले शहर वासियों के लिए वैसे तो तमाम चुनौती हैं, लेकिन इन दिनों सबसे बड़ी समस्या जलभराव है। वीआइपी रोड, सांसद आवास के पीछे आबूनगर, ककरहा, खलील नगर, मुराइन टोला, महिला डिग्री कॉलेज, पत्थर कटा हनुमान मंदिर, आइटीआई कैंपस, मलिन बस्ती रेलबाजार, गंगानगर कॉलोनी जैसे तमाम मोहल्ले ऐसे हैं जहां के लोग की बारिश के दिनों में दुश्वारियां इतनी बढ़ जाती हैं कि उनका घरों से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। गुरुवार को भी मात्र 22 मिली. बारिश के बाद गलियां लबालब हो गईं। इसके बाद जो घरों से निकला तो उसे गलियों में भरे गंदे पानी के बीच से होकर ही निकलना पड़ा। मजे की बात यह है कि अर्से से चली आ रही इस समस्या का धरातल पर कोई हल नहीं निकला। अधिकारी नेता सब ने दावे तो किए पर वह आज तक पूरे नहीं हो सके। तालाबों का सिकुड़ता स्वरूप भी बन रहा परेशानी
एक वक्त था जब शहर में पांच बड़े तालाबों में शहर का पानी समा जाता था। धीरे धीरे इन तालाबों को भू-माफिया ने आवसीय क्षेत्र में बदल दिया। बेशकीमती जमीनों की राजस्व विभाग के सांठगांठ करके तालाब की जमीन पर प्लाटिग कर दी गई। तालाबों पर हो रहे कब्जों के कारण इनमें जल संचयन की क्षमता दिनों दिन कम होती जा रही है।