मैदान में तंबू लगाकर डलवाए गए थे वोट
बात सौ के पार की जागरण संवाददाता फतेहपुर आजाद भारत के पहले चुनाव और पहली सरका
बात सौ के पार की
जागरण संवाददाता, फतेहपुर :
आजाद भारत के पहले चुनाव और पहली सरकार बनने की याद ताजा कर मोहम्मदपुर कला के 101 वर्षीय बुजुर्ग गंगा चरण तिवारी की आंखें आज भी खुशी से चमक उठती हैं। वर्ष 1952 में हुए देश के पहले आम चुनाव की तस्वीर वह बयां करते हैं। बताते हैं, उस समय न तो संसाधन थे और न ही व्यवस्थाएं, लेकिन अपनी सरकार चुनने का जोश व जज्बा लोगों में जबरदस्त था।
सौ बसंत देख चुके श्री तिवारी बताते हैं कि पहला चुनाव हुआ तो तब न ज्यादा मतदान केंद्र थे और न ही बूथों में कोई इंतजाम। पांच से छह गांवों के बीच में एक जगह मतदान कराया गया। मोहम्मदपुर कला में कोई सरकारी इमारत नहीं थी। वोटिग के लिए नहर किनारे मैदान में तंबू लगाया गया, जहां पर आस-पास के करीब छह गांवों के मतदाताओं ने वोट डाले। वोटिग में कोई व्यवधान न पड़े, इसके लिए कई गांवों के चौकीदार तंबू की रखवाली में लाठी के साथ थे। स्वतंत्र भारत में अपनी सरकार बनने का जोश व उत्साह सभी में था, लेकिन पहले चुनाव में बहुत ही कम संख्या में महिलाएं बूथों तक आई थीं।