नेताओं-अधिकारियों की उपेक्षा से भड़के ग्रामीण, सीओ से धक्का-मुक्की
सिक्किम बार्डर पर तैनात भारतीय सेना के जवान नरेंद्र तिवारी के अंतिम संस्कार में सोमवार अपराह्न जिला प्रशासन के आला-अधिकारियों की गैर मौजूदगी से ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। शहीद का पार्थिव शरीर लेकर आए वाहन को हाइवे पर रोककर ग्रामीणों ने कानपुर-प्रयागराज हाइवे पर जाम लगा दिया।
संवाद सहयोगी, खागा : सिक्किम बॉर्डर पर तैनात सेना के जवान नरेंद्र तिवारी की शनिवार को हार्टअटैक से मौत हो गई थी। सोमवार को सेना के अधिकारी उनका पार्थिव शरीर निजी एंबुलेंस से लेकर गांव पहुंचे तो ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। आला अधिकारी और नेताओं पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए ग्रामीण नेशनल हाईवे पर पहुंच गए और भोगलपुर तिराहे के पास जमा लगा दिया। समझाने पहुंचे सीओ से धक्का-मुक्की की। तकरीबन एक घंटे बाद डीएम, एसपी और विधायक मौके पर पहुंचे और समझा-बुझाकर जवान का अंतिम संस्कार कराया।
कोतवाली क्षेत्र के ब्राह्माणपुर निवासी किसान प्रेमनारायण तिवारी का 35 वर्षीय बेटा नरेंद्र सिक्किम बॉर्डर पर तैनात था। ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से उसका निधन हो गया। शनिवार को गांव में सूचना पहुंचते ही कोहराम मच गया। इसके बावजूद जिले का कोई भी अधिकारी और नेता स्वजनों को सांत्वना देने नहीं पहुंचा। सोमवार दो बजे सेना के अधिकारी निजी एंबुलेंस से पार्थिव शरीर लेकर पहुंचे तो स्वजन, रिश्तेदार और ग्रामीण भड़क उठे। हाईवे पर एबुंलेंस खड़ी कर जाम लगा दिया। सीओ अंशुमान मिश्र और थाने की पुलिस ने जाम खुलवाने का प्रयास किया तो ग्रामीण और भड़क गए। उन्होंने सीओ से धक्का-मुक्की कर दी। हालात अनियंत्रित होने की सूचना पर जिलाधिकारी संजीव सिंह, पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा मौके पर पहुंचे और स्वजनों से बातचीत की। इसके बाद ही अंतिम संस्कार किया जा सका।
स्मारक बनवाए जाने की मांग
ग्रामीणो ने जवान के नाम पर गांव का मुख्य द्वार, स्मारक तथा महाविद्यालय बनवाए जाने की मांग की। जिलाधिकारी ने आश्वस्त किया कि सेना व सरकार से मिलने वाली हर संभव मदद परिवार को दिलाई जाएगी। क्षेत्रीय विधायक कृष्णा पासवान ने भी डीएम ने बातचीत के बाद स्वजनों को भरोसा दिया। चेयरमैन गीता सिंह, प्रतिनिधि रामगोपाल सिंह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अखिलेश पांडेय, पीसीसी सदस्य शिवाकांत तिवारी ने भी जवान को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
आंसुओं से दी बेटे को विदाई
- पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए आसपास के कई गांवों से लोग पहुंचे और आंसुओं से बेटे को विदाई दी। जवान की पत्नी रीना का रो-रोकर बुरा हाल था। भूतपूर्व सैनिक कल्याण संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विद्याभूषण तिवारी, महिला पदाधिकारी जागृति तिवारी ने स्वजनों को ढांढस बंधाया।
सम्मान में कमी से परिवार आहत
जवान को पार्थिव शरीर को निजी एंबुलेंस से गांव तक पहुंचाया गया। इससे परिवारीजन आहत नजर आए। ग्रामीणों में इस बात को लेकर जबरदस्त गुस्सा था। प्रयागराज से सेना के दो अधिकारी उसी वाहन में सवार होकर गांव आए थे। तीन जवान सिक्किम से पहले ही पत्नी रीना व दोनों बच्चों भारत व अंश को लेकर गांव आ चुके थे।