वेंटिलेटर तैयार, रेमडेसिविर इंजेक्शन का अकाल
जागरण संवाददाता फतेहपुर भगवान न करे कि आप कोरोना महामारी का शिकार हों लेकिन
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : भगवान न करे कि आप कोरोना महामारी का शिकार हों, लेकिन कहीं आप इस वायरस की चपेट में आ जाएं तो मालूम होना चाहिए कि आपके लिए सरकारी उपचार सुविधा क्या है। जिले में कोरोना जांच, प्राथमिक उपचार व गंभीर उपचार की सुविधा है। लेकिन यदि आप अति गंभीर हैं तो आपको लखनऊ-कानपुर नहीं बल्कि प्रयागराज की एल-थ्री सुविधा में भेजा जाएगा और वहीं आपको उपचार मिलेगा।
कोरोना जांच के लिए कुल 24 टीमें लगी है। यह टीमें सीएचसी और पीएचसी स्तर पर हैं। इसके अलावा डीएम अपूर्वा दुबे ने रेलवे स्टेशन, बस स्टाप और गैर जनपद से लौटने वाले प्रवासी मजदूरों के लिए तीन मोबाइल टीमें लगाई है जो घूम-घूम कर इन जगहों पर जांच करती है। ताकि कोविड संक्रमित को समुदाय से अलग किया जाए। थरियांव सीएचसी में 30 बेड का एल-1 हास्पिटल बनाया गया है, जिसकी क्षमता 50 तक जरूरत पड़ने पर बढ़ाई जा सकती है। फिलहाल यहां 19 मरीज भर्ती हैं और उपचार ले रहे हैं। गंभीर रोगियों के लिए खागा में एल-2 सुविधा का अस्पताल बना है, यहां 12 बेड वेंटिलेटर और 20 ऑक्सीजन सुविधा के तैयार है। इस अस्पताल में बेड की क्षमता सौ तक बढाई जा सकती है।
क्या है रेमडेसिविर इंजेक्शन
रेमडेसिविर इंजेक्शन को कोराना उपचार के लिए कारगर माना गया है। लेकिन वर्तमान में इस इजेंक्शन की आपूर्ति जिले के सरकारी महकमे या निजी बाजार में नहीं है। अगर कोरोना का रोगी गंभीर होता है तो यह इंजेक्शन बेहतर माना जाता है। सीएमओ डॉ गोपाल माहेश्वरी के अनुसार शासन से इस इजेक्शन के लिए एक हजार डोज मांगी गई है लेकिन उपलब्ध एक भी डोज नहीं है। निजी बाजार में यह इंजेक्शन खोजे नहीं मिल रहा है। तीन माह पहले यह मेडिकल स्टोर में अपने तय मूल्य से दोगुनी कीमत पर उपलब्ध था, लेकिन अब वह भी नहीं है।
जिले में उपचार सुविधा पर एक नजर
- एल-1 हास्पिटल -एक हास्पिटल संचालित है 30 बेड हैं।
- एल-1 हास्पिटल में वर्तमान में 19 मरीज उपचार ले रहे हैं।
- एल-2 सुविधा का अस्पताल प्रयागराज इंजीनियरिग कालेज में संचालित है।
- एल-2 अस्पताल में 12 बेड वेंटिलेटर, 20 ऑक्सीजन के हैं मरीज कोई भी नहीं है।
- सिलिडर खपत प्रतिदिन- जिले में कोई गंभीर मरीज नहीं सिलिडर खपत शून्य है।
- ऑक्सीजन सिलिडर उपलब्धता- वर्तमान में 230 छोटे-बड़े सिलिडर स्टाक में हैं।
- कोविड जांच का औसत प्रतिदिन में- 2650 जो लक्ष्य से 200 अधिक है।
- 14 अप्रैल तक जिले में एक्टिव केस------169 हैं।
आरटीपीसीआर जांच में लापरवाही
जिले में प्रतिदिन 650 आरटीपीसीआर जांचे होने का लक्ष्य है। इससे ज्यादा 850 जांचे प्रतिदिन हो रही है। लेकिन इस जांच का रिजल्ट लखनऊ से होता है। प्रतिदिन रिपोर्ट नहीं आ पाती। तीन से चार दिन लगते है। वर्तमान में करीब साढ़े चार हजार परिणाम लखनऊ स्तर पर लंबित चल रहे हैं।