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पशुशाला में नलकूप ऑपरेटर की गला रेतकर हत्या

रात भर बजता रहा साउंड सिस्टम जिस कमरे में मृतक जवाहर लाल सिंह रुकते थे उसमे मनोरंजन के लिए साउंड सिस्टम लगा है। ग्रामीणों का कहना था अक्सर देर शाम से ही साउंड बजने लगता था। घटना वाली रात भी साउंड सिस्टम बज रहा था। आधी रात के बाद तक स्पीकर में गाने बजते रहे। सुबह ग्रामीण नित्यक्रिया के लिए उधर से गुजरे तब भी साउंड में गाना चल रहा था। ऐसा माना जा रहा है कि गाना बजने की वजह से ग्रामीणों ने घटना के समय किसी प्रकार की चीख-पुकार नहीं सुनी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 11:44 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 06:27 AM (IST)
पशुशाला में नलकूप ऑपरेटर की गला रेतकर हत्या
पशुशाला में नलकूप ऑपरेटर की गला रेतकर हत्या

संवाद सूत्र, धाता : थाना क्षेत्र के खरसेड़वा गांव में रविवार रात पशुशाला की दूसरी मंजिल पर सो रहे नलकूप ऑपरेटर की गला रेतकर हत्या कर दी गई। फोरेसिक टीम ने रक्त के नमूने लेकर साक्ष्य जुटाए। सनसनीखेज वारदात की खबर पाकर पुलिस कप्तान रमेश मौके पर पहुंचे। उन्होंने अधीनस्थों को जल्द से जल्द घटना का पर्दाफाश करने के निर्देश दिए हैं।

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खरसेड़वा गांव निवासी 52 वर्षीय जवाहर लाल सिंह नलकूप विभाग में ऑपरेटर पद पर कार्यरत थे। रविवार रात वह मकान से दूर बने पशुशाला में दूसरी मंजिल पर बरामदे में सो रहे थे। तभी अज्ञात हत्यारों ने उनकी गला रेतकर हत्या कर दी। बड़े भाई अशर्फीलाल सिंह सुबह मवेशियों को चारा-पानी के लिए गए तो आवाज लगाई। कोई जवाब न मिलने पर दूसरी मंजिल पर गए। चारपाई पर भाई का रक्तरंजित शव पड़ा देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। एसपी रमेश व एएसपी पूजा यादव ने घटनास्थल पर पड़ताल की। थानाध्यक्ष अर्जुन सिंह ने बताया कि मृतक के बड़े भाई की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही मृतक के मोबाइल को सर्विलांस पर लगाया गया है।

ग्रामीणों को सूद पर देते थे रुपये

नलकूप ऑपरेटर अपनी पत्नी व बच्चों से दूर पशुशाला में रहता था। वह सूद पर ग्रामीणों को रुपये देने के लिए अपने पास हमेशा नकदी रखता था। कमरे में पुलिस को नकदी वाला बैग नहीं मिला। हालांकि बड़े भाई ने किसी से रंजिश की बात से इन्कार किया है। प्रथमदृष्टया रुपये के लेनदेन में हत्या की बात सामने आई है। पुलिस आशनाई के बिदु पर भी पड़ताल कर रही है।

साउंड सिस्टम में दब गई चीखें

पशुशाला के जिस कमरे में जवाहर लाल सिंह रुकते थे, उसमें साउंड सिस्टम लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि अक्सर देर शाम से ही साउंड बजने लगता था। घटना वाली रात से लेकर सुबह तक साउंड सिस्टम बजता रहा था। माना जा रहा है कि इसकी वजह से चीख-पुकार नहीं सुनी जा सकी। हत्यारे परिचित भी हो सकते हैं तभी वह दूसरी मंजिल तक पहुंच गए। रात 12 से 2 बजे के बीच घटना को अंजाम दिया गया।


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