मुर्गी फार्म में मक्खियों को देख मची अफरातफरी
गैर राज्यों से प्रवासी स्वयं के साधनों और सरकारी साधनों से पहुंच रहे हैं जो लोग स्वयं के प्रयासों से जिले पहुंचे हैं वह सीधे गांवों में घुस गए हैं। ऐसे प्रवासियों की न तो स्क्रीनिग हो पाई और न ही थर्मल जांच। अब 11 अलग-अलग गांवों में कोरोना के संभावित लक्षण वाले प्रवासी दिखे है तो ग्रामीणों ने इनकी जांच की है। ग्रामीणों ने शिकायत की है कि सेहत महकमे और निगरानी समितियों को सूचना देने के बाद भी संदिग्ध लक्षण वाले प्रवासियों की जांच में लापरवाही की जा रही है।
संवाद सूत्र, चौडगरा/औंग : विकास खंड मलवां के भाऊपुर गांव में मक्खियां देख दहशत फैल गई है। गांव के करीब स्थित मुर्गी फार्म भी लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हैं। लोगों का आरोप है कि इस पर ध्यान न दिया गया तो महामारी फैल सकती है।
पिछले कुछ दिनों से शिवराजपुर, भाऊपुर, सगुनापुर, साई, चौडगरा, ककराबाद, मौहार, रावतपुर रामपुर कृष्णापुर, बीकमपुर, मानिकपुर, गोधरौली, औंग, कीचकपुर, दुर्गागंज, बड़ाहार गांव में मक्खियों की तादाद बढ़ गई है। घरों के अंदर दरवाजों पर, मंदिरों में झुंड के झुंड मक्खियां दिख रही हैं। इनसे होने वाली बीमारियों की आशंका को लेकर लोग दशहत में हैं। गोपालगंज के चिकित्सा प्रभारी डॉ. विपुल शुक्ला ने बताया कि इन मक्खियों के फैलने से बीमारियों के लक्षण अधिक बढ़ जाते हैं। यह मक्खियां गंदगी जगहों से उड़कर खाने पीने की चीजों पर बैठ जाती हैं। इससे बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
क्या कहते है मुर्गी फार्म के मालिक
बिदकी : विकास खंड मलवां के भाऊपुर गांव के पास स्थित जुनेजा मुर्गीफार्म हाउस के संचालक टिकू जुनेजा ने बताया कि दो महीने से लॉकडाउन के चलते दवाएं नहीं मिल पाई है। अब दवाएं मिलने लगी है। छिड़काव की व्यवस्था की जा रही है। हालांकि मक्खियां बढ़ने का कारण वह मुर्गी फार्म को नहीं मान रहे हैं।