..तो फिर कांपिया लिखवाने की भनक पर केंद्रों में पहुंचे डीएम
गर्मी आते ही परिषदीय स्कूलों में पेयजल की किल्लत शुरू हो जाती है। पानी स्टेटा नीचे जाने से कहीं गंदा पानी कहीं पर बदबूदार पानी तो कहीं पर बालू युक्त पानी आने की शिकायतें आम हैं लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग ने बहुआ मलवां और भिटौरा ब्लाक क्षेत्र के 100 परिषदीय स्कूलों में सोलर आरओ प्लांट लगाने की सिफरिश की है। बेसिक शिक्षा विभाग जल निगम की जांच रिपोर्ट को आधार बनाते हुए इन स्कूलों के हैंडपंप से मिलने वाली पानी में फ्लोराइड की मात्रा जहां अधिक बताई है।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: बोर्ड परीक्षा में नकल माफिया तमाम सख्ती के बाद अपने खेल कर रहे हैं। प्रवेश पत्र में कूट रचना (फोटो बदलकर) व परीक्षा केंद्र के बाहर कांपिया लिखवाये जाने जैसी सूचनाएं जिले तक पहुंची हैं। शनिवार को खागा तहसील के आधा दर्जन परीक्षा केंद्रों में डीएम संजीव सिंह का दौरा भी इसी चिता का बड़ा कारण था। वह केंद्रों में सिर्फ व्यवस्था देखने नहीं बल्कि उन सूचनाओं को पुख्ता करने पहुंचे तो जो गांव स्तर के खुफिया से उन तक पहुंच रही है।
डीएम संजीव सिंह ने नकल पकड़ने के लिए तीन तरह की स्वयं पड़ताल की। परीक्षा कक्षों में पहुंचने पर उनकी निगाह छात्र-छात्राओं द्वारा लिखी जा रही उत्तर पुस्तिका पर टिकी रही। उनकी नजरें उत्तर पुस्तिकाओं में हूबहू समान उत्तर खोज रही थी। चूंकि यदि किसी भी कक्षा में सामूहिक नकल कराई जाती है तो उस कमरे के परीक्षार्थियों में उत्तर एक जैसे रहते हैं। पड़ताल में उन्होंने यह भी देखा कि परीक्षा केंद्र में उपस्थित छात्र संख्या के आधार पर कितनी कापियां प्रयोग में लाई गयी और अवशेष कापियों की स्थिति क्या है। इससे यह साफ होता है कि अगर केंद्र से कोई भी कापी बाहर निकाली गयी तो अवशेष कापियों में संख्या कम मिलेगी। हालांकि डीएम की पड़ताल में केंद्रों में नकल की पुष्टि नहीं हुई। लेकिन जिस तरह से डीएम ने पड़ताल की उससे केंद्र सहित आस-पास के केंद्रों तक में जिम्मेदारों के हाथ पैर फूल गए।