जेल रोड का काम फिर लटका, मुश्किल में सफर
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बांदा-टांडा मार्ग के शहरी बाईपास के जानलेवा गड्ढों से निजात
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बांदा-टांडा मार्ग के शहरी बाईपास के जानलेवा गड्ढों से निजात की आस फिर धूमिल हो गई है। सीएम के जिले में आने के कार्यक्रम पर डीएम ने शिकंजा कसा तो एनएचआइ ने काम शुरू करा दिया लेकिन जाने के साथ ही काम बंद हो गया। मलबा व मिट्टी डालकर गड्ढे पाटने का जो कार्य किया गया वह भारी वाहनों की आवाजाही से और बदहाल स्थिति में पहुंच गया है। रास्ता इतना खराब हो गया है कि किसी भी समय वाहन पलटने की आशंका बनी रहती है।
शहर मुख्यालय के इस नौ किमी के बाईपास के निर्माण को लेकर पिछले एक साल से मांग उठाई जा रही है। स्कूली बसों सहित शहरी यातायात इस मार्ग से चलने के कारण आम लोगों को जोखिम के बीच निकलना पड़ता है। हर रोज कोई न कोई वाहन फंसता है और मार्ग में चार से छह घंटे का जाम लग जाता है। स्कूली बच्चों को तो बस से उतर कर पैदल जाना पड़ता है। इस मार्ग से सीपीएस, सरस्वती बाल मंदिर रघुवंशपुरम, महर्षि विद्या मंदिर, सेंट जेवियर्स, सेंट जान्स, आरवीएस सहित अन्य स्कूली बसों का आना-जाना रहने से बच्चों की जान जोखिम में रहती है। कुछ स्कूल संचालकों ने खतरे को देखते हुए रूट बदल दिया है। चार साल पहले मार्ग का डामरीकरण हुआ लेकिन नालियों का पानी सड़क पर आने से व ओवरलोड से सड़क एक साल बाद ही ध्वस्त हो गई थी। तब से बदहाल मार्ग में ही सफर रेंग रहा है। मुश्किल दे रही जाम की समस्या के चलते स्थिति यह है कि पचास नंबर ओवर ब्रिज से जाम लग जाता है जिससे शहर के लोग भी फंसे रहते है। शनिवार को पीसीएफ गोदाम के पास दो ट्रक फंस जाने दो घंटे जाम की स्थिति बनी रही।
नाली के बाद ही बनेगी सड़क
- एनएचआई के एक्सईएन वीके पाठक ने कहा बस्ती का पानी सड़क पर आने से सड़क बनते ही खराब हो जाती है। गड्ढों को ईट व मिट्टी से भर दिया गया है। जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराया गया है कि मार्ग में आने वाले पानी को रोकने के लिए पहले सड़क के दोनों ओर नाली का निर्माण कराया जाए। नाली बन जाने के बाद सड़क पर काम शुरू करा दिया जाएगा।