औद्योगिक क्षेत्र सौंरा का दूर होगा सन्नाटा
जागरण संवाददाता फतेहपुर कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर 35 साल पहले विकसित हुए यूपीसीडा के
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर 35 साल पहले विकसित हुए यूपीसीडा के सौंरा स्थिति औद्योगिक क्षेत्र का सन्नाटा जल्द दूर होगा। 292 एकड़ क्षेत्रफल में विस्तारित इस क्षेत्र के आधे से अधिक भूखंड अभी तक खाली पड़े हैं। सब्सिडी का लाभ लेने के लिए आवंटियों ने भूखंड का आवंटन तो करा लिया, लेकिन इकाई स्थापित नहीं की। मुख्यमंत्री के निर्देश पर यूपीसीडा अब लोगों को चिह्नित करते हुए उनके भूखंड आवंटन निरस्त करते हुए नए लोगों को दिए जाएंगे। इसके लिए आवंटियों को आवंटन निरस्त करने के लिए विभाग नोटिस देगा।
विकास से पिछड़े जनपद में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए तत्कालीन केंद्रीय मंत्री हरीकृष्ण शास्त्री ने सौंरा को औद्योगिक क्षेत्र घोषित कर उद्योग लगवाने की पहल की थी। 25 फीसद अनुदान की योजना पर उस समय जिले में कानपुर, दिल्ली समेत अन्य प्रांतों के उद्योगपतियों ने पूंजी निवेश कर एक सैकड़ा से अधिक इकाईयां स्थापित की। 10 साल बाद ही हालात ऐसे बिगड़े कि एक-एक उद्योग बंद होते गए और इस समय यह क्षेत्र खंडहर की तरह दिख रहा है। हलांकि उद्यमियों की मांग के बाद तीन साल पहले यूपीसीडा ने औद्योगिक क्षेत्र में जलनिकासी के लिए नाला निर्माण व टूटी सड़कों का नवीनीकरण कराया है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने भूखंड आवंटन के नियमों में बदलाव किया तो एक बार फिर उम्मीद की किरण दिखने लगी है।
अब होगी ऑनलाइन नीलामी
भूखंड आवंटन में पारदर्शिता लाने के लिए शासन ने आवंटन की पूरी प्रक्रिया ही बदल दी है, अभी तक निर्धारित दर पर पहले आओ, पहले पाओ पर भूखंड दे दिया जाता था। अब आनलाइन नीलामी से भूखंड दिए जाएंगे। यूपी सीडा की वेबसाइट पर औद्योगिक क्षेत्र के प्लाट कीमत व क्षेत्रफल समेत पूरा ब्योरा होगा। विभाग के जेई आरके पांडेय ने कहा कि सरकार के राजस्व में इजाफा के साथ वही लोग प्लाट ले सकेंगे जो उद्योग लगाने के इच्छुक होंगे।
औद्योगिक क्षेत्र की यह है तस्वीर
औद्योगिक क्षेत्र का नाम - सौंरा-मलवां
कुल अधिग्रहीत क्षेत्र-292.13 एकड़ क्षेत्रफल
भूखंडों की कुल संख्या-180
आवंटित भूखंडों की संख्या - 125
खाली पड़े भूखंडों की संख्या-55
आवंटन के उद्यम न लगाने वाले-40
'भूखंड आवंटन कराकर उद्योग न लगाने वाले उद्यमियों का चिह्नित किया जा रहा है, पांच साल से अधिक समय के बाद भी जो उद्यमी इकाई नहीं स्थापित किए है उनके भूखंड निरस्त कर दूसरे जरूरतमंदों को देने की कार्रवाई होगी।'
आरके पांडेय, जेई यूपी सीडा