मवेशियों में बीमारी का कहर, जिम्मेदार बेखबर
संवाद सहयोगी, खागा : विजयीपुर व धाता ब्लाक के दो दर्जन गांवों में मवेशियों में खुरपका, मुंहपक
संवाद सहयोगी, खागा : विजयीपुर व धाता ब्लाक के दो दर्जन गांवों में मवेशियों में खुरपका, मुंहपका बीमारी का कहर जारी है। सरकारी स्तर पर रोकथाम न होने से निजी पशु चिकित्सक से किसान मवेशियों का इलाज करा रहे हैं।
धाता ब्लाक के अढ़ौली, बम्हरौली, गोपालपुर तथा विजयीपुर ब्लाक के एकडला व गढ़ीवा गांव में दुधारू मवेशियों में खुरपका, मुंहपका बीमारी का कहर व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना था बीते एक महीने से बीमारी फैली है। बीमारी की चपेट में आने वाले मवेशी चलना-फिरना व खाना बंद कर दे रहे हैं। दुधारु मवेशियों में 80 फीसदी तक दुग्ध उत्पादन बंद हो जाने से किसान दोहरा नुकसान उठा रहे हैं। पशुपालक रामकृष्ण तिवारी, रामकृपाल सोनकर, विनोद, अशोक दीक्षित, बउवन यादव, कृष्णपाल रैदास, अशोक ¨सह, करन ¨सह ने बताया कि संक्रमण के चलते धीरे-धीरे स्वस्थ मवेशी भी इसकी चपेट में आते जा रहे हैं। बीमारी की वजह से गांवों में हर रोज दो, तीन मवेशियों की मौत हो रही है। पशु पालक शिवबली का कहना है कि सरकारी इलाज के नाम पर किसानों का शोषण होता है। विजयीपुर, किशुनपुर तथा धाता पशु अस्पताल से जाने वाले सरकारी कर्मी बाहर स्टोर से दवाएं मंगवाते हैं।
टीकाकरण में लापरवाही पड़ रही भारी
पशु चिकित्सा विभाग द्वारा साल में दो बार मवेशियों को खुरपका मुंहपका से बचाने के लिए टीकाकरण किया जाता है। कई बार किसान मवेशियों को टीका लगवाने में हीलाहवाली करते हैं। गर्भधारण वाले मवेशियों को टीका नहीं लगवाया जाता है। जिसके चलते बाद में यही मवेशी बीमारी की चपेट में आ जाते हैं।
क्या कहते जिम्मेदार
- मार्च-अप्रैल तथा सितंबर-अक्टूबर महीने में ब्लाक कमेटियों द्वारा मवेशियों का टीकाकरण किया जाता है। बीमारी की सूचना जहां भी प्राप्त होती है, गांव जाकर मवेशियों का उपचार किया जाता है।- पशु चिकित्सक डा. सुजीत कुमार सचान