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दूर होगी समस्या, अब 30 रुपये में घर बैठे बनेगा आयुष्मान कार्ड

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: साल में पांच लाख तक के निश्शुल्क इलाज की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योज

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 06:59 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 06:59 PM (IST)
दूर होगी समस्या, अब 30 रुपये में घर बैठे बनेगा आयुष्मान कार्ड
दूर होगी समस्या, अब 30 रुपये में घर बैठे बनेगा आयुष्मान कार्ड

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: साल में पांच लाख तक के निश्शुल्क इलाज की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आयुष्मान के लाभार्थियों को अब गोल्डेन कार्ड के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। अस्पताल काउंटर से कार्ड जारी करने की धीमी रफ्तार के चलते अब तक मात्र पांच हजार कार्ड ही बन पाए हैं, जबकि लाभार्थियों की संख्या पौने दो लाख से अधिक है। नई व्यवस्था में मात्र 30 रुपये खर्च पर अब गरीब घर बैठे आयुष्मान कार्ड बनवा सकेंगे। कार्ड की सुविधा उन्हीं गरीबों को मिलेगी जिनके नाम वर्ष 2011 के सामाजिक आर्थिक जनगणना में गरीबी रेखा के नीचे की सूची में दर्ज होगा।

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सामाजिक आर्थिक जनगणना की सूची में जिले के 1.77 लाख गरीबों के नाम दर्ज हैं। यह सभी गरीब आयुष्मान कार्ड योजना के लिए पात्र होंगे। मुसीबत यह है कि गरीबों को कार्ड सेहत स्वास्थ्य विभाग जारी नहीं कर पा रहा है। विभाग से जिला अस्पताल में एक काउंटर बनाया गया है जिसमें यह सुविधा दी गयी है कि इस डाटा का कोई भी लाभार्थी पहुंचे उसे कार्ड बनाया जाएगा, लेकिन जागरूकता के अभाव में यहां कोई पहुंच ही नहीं रहा, इसी कारण से कि किसी को यह पता ही नहीं है कि उसका नाम लाभार्थी सूची में है या नहीं है। नतीजतल अपेक्षा से जिले के लाभार्थियों को कार्ड जारी नहीं कर पाया। अब डीएम ने कार्ड जारी करने के लिए जिले के गांव गांव संचालित हो रहे 1150 कामन सर्विस सेंटरों (सीएससी) को जिम्मेदारी दी है। इन्हें आयुष्मान योजना की यूजर आईडी व पासवर्ड प्रदान कर 1.77 लाख की लाभार्थी सूची से मर्ज कर दिए गए हैं। सीएससी का बीएलई जैसे ही किसी घर के गरीब पहुंचता है तो बायोमैट्रिक के जरिए यह जानलेता है कि उक्त करीब का नाम सूची में है या नहीं। किस गांव में कितने लाभार्थी सूची

यूजर आईडी के जरिए सीएससी संचालक अपने गांव क्षेत्र के लाभार्थियों की सूची निकाल लेते है और फिर उनके घर पहुंच कर बायोमैट्रिक के जरिए यह सत्यापन करते है कि व्यक्ति वहीं है, जिसका नाम सूची में दर्ज है। सत्यापन के तुरंत बाद इन्हें कार्ड का ¨प्रट आउट निकाल कर दे दिया जाता है। इस नए प्रयोग से तेजी से कार्ड बन रहे हैं। क्या कहते है जिम्मेदार..

जिले में कुल 1150 सीएससी संचालित है, बीएलई घर-घर जाकर लाभार्थियों के कार्ड बना रहे हैं। प्रत्येक लाभार्थी से 30 रुपये लिए जाते है, जिसमें दस रुपये पोर्टल खर्च और 20 रुपये बीएलई का कमीशन दिया जाता है। हमारा प्रयास है कि हम दिसंबर माह में ही सूची में दर्ज व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड जारी कर दें अब तक हम पांच हजार से अधिक कार्ड जारी कर चुके है। -रवि केशव प्रताप प्रबंधक ई-गर्वनेंस


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