सराफा लूट के मास्टर माइंड पुलिस डायरी से गायब
संवाद सहयोगी, ¨बदकी : सराफा कारोबारी कुलदीप गुप्ता व ज्ञानेंद्र वर्मा को गोली मार जेवरात लूट
संवाद सहयोगी, ¨बदकी : सराफा कारोबारी कुलदीप गुप्ता व ज्ञानेंद्र वर्मा को गोली मार जेवरात लूट के प्रयास में पुलिस जिस शख्स को घटना का सूत्रधार मान रही है, उसी का नाम पुलिस की डायरी (केश डायरी) से गायब है। लूट के आरोप में जो नाम प्रकाश में लाए गए गए हैं, उनमें तीन आरोपी जेल जा चुके हैं। एक फरार चल रहा है।
¨बदकी के सराफा कारोबारियों में लूट और लूट के प्रयास की दो घटनाओं की दहशत अब भी कायम है। 7 मई 2017 को मीरखपुर निवासी सराफ कुलदीप गुप्ता को गोली मार लूट की घटना से पूरा नगर थर्रा गया था। इसके करीब दो माह बाद 24 जुलाई 2017 को घियाही गली निवासी सराफ ज्ञानेंद्र वर्मा को गोली मार लूट के प्रयास किया। ज्ञानेंद्र वर्मा के साथ हुए लूट के प्रयास की घटना की फाइल तो पुलिस ने लुटेरों का कोई सुराग न मिलने पर एफआर लगा बंद कर दी। पर कुलदीप गुप्ता के मामले में पुलिस ने कानपुर में पकड़े गए लूट के आरोपियों में सलमान निवासी इगौटा थाना सुमेरपुर जनपद हमीरपुर, दानिश निवासी खुरई थाना बबेरू जनपद बांदा, फिरोज उर्फ चच्चा निवासी पचपाटी थाना चकेरी जनपद कानपुर व सीबू राम कालोनी कर्वी जनपद चित्रकूट के नाम प्रकाश में आए। इनमें सीबू फरार है। बाकी तीन कानपुर में लूट के मामले में पकड़े गए और जेल भेज दिए गए।
पुलिस ने लूट की घटना में इन चारों नामों का खुलासा किया। पर जिस नाम सबसे अधिक चर्चा रही, जिसे पुलिस मास्टर माइंड मान रही थी। उसका नाम ही पुलिस की डायरी से गायब है। मास्टर माइंड ललौली में अपनी ससुराल में रह रहा था। क्राइम ब्रांच उस तक पहुंच चुकी थी। पर वह पहले ही संबंधों का फायदा उठा मुम्बई से दुबई चल गया है।
पुलिस की पूरी कहानी में लूट का माल लापता
लूट के खुलासे के बाद कुलदीप गुप्ता के पास से लूटा गया लाखों का सोना आखिर कौन पचा गया। यह बड़ा सवाल है। बकौल कुलदीप गुप्ता माल न मिले तो सूटकेस की बरामदगी तो होनी चाहिए थी। जो लुटेरे पकड़े गए उनके पास से बरामद कुछ माल दिखाया गया। पर उसमें उनका माल नहीं था। सराफ को पुलिस के खुलासे पर अब भी संशय है। सवाल उठाते हैं माल बरामद न करो तो सूटकेस को दिखाओ।