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जर्जर संसाधनों से दगा दे रही जनपद की बिजली व्यवस्था

जागरण संवाददाता फतेहपुर जर्जर तार कम क्षमता के उपकेंद्र-ट्रांसफार्मर व स्टाफ की कमी

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 08:59 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 08:59 PM (IST)
जर्जर संसाधनों से दगा दे रही जनपद की बिजली व्यवस्था
जर्जर संसाधनों से दगा दे रही जनपद की बिजली व्यवस्था

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : जर्जर तार, कम क्षमता के उपकेंद्र-ट्रांसफार्मर व स्टाफ की कमी से जूझ रहा बिजली विभाग बस राम भरोसे ही चल रहा है। शहरी व ग्रामीण इलाकों में भी क्षमता से कम के ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं। शहर, कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र को बिजली निर्बाध रूप से मिले तो कैसे जब 51 में 32 उपकेंद्रों की मशीनों की क्षमता में बढ़ोतरी नही की गई। जबकि तीन वर्षों में उपभोक्ताओं की तादात लगभग दूना हो गई है।

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शहर के शांतीनगर व हरिहरगंज विद्युत उपकेंद्र की क्षमता नहीं बढ़ाई गई। खागा, असोथर, गाजीपुर, हथगाम, हुसेनगंज, ऐरायां, ललौली, चांदपुर, जाफरगंज, छिवलहा, सहिमापुर, मलवां, मवई, अल्लीपुर, उरौली, चौडगरा, भिरौरा, विजईपुर, अंदौली, पधारा, सौरा, औंग, जोनिहा, अमौली , दरबेशाबाद, कोर्रा, बिलंदा, हसवा व महरहा उपकेंद्र है,जिनकी क्षमता में बढ़ोतरी की जानी है, केवल बजट का इंतजार है। उपकेंद्रों की क्षमता न बढ़ाने से लोड बढ़ते ही मशीनें ट्रिपिग कर जाती हैं। विशेषकर गर्मियों ने बिजली संकट से लोगों को ज्यादा जूझना पड़ता है। कोरोना काल की वजह से विगत तीन माह से उपकेंद्रों की क्षमता में बढ़ोतरी का काम रुका है। इस काम के लिए बजट संकट भी आड़े आ गया है। जैसे प्रस्तावित उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ोतरी के लिए धन मिलता है। तेजी से कार्य करवाया जाएगा।

विनोद कुमार गंगवार एसई ये हैं उपभोक्ता

तीन वर्ष पहले थे उपभोक्ता - 2 लाख 6हजार

बढ़े उपभोक्ता -1 लाख 78 हजार छह नए उपकेंद्रों का हो रहा निर्माण

जिले में उपभोक्ताओं की बढ़ी संख्या को देखते हुए ग्रामीण इलाके में गढ़ा, महिचा मंदिर,नील कोठी, कलाना,हसवा, चौकी चौराहा पर नए उपकेद्रों का निर्माण कराया जा रहा है। इनका निर्माण विगत डेढ़ वर्ष से चल रहा है। लेकिन बजट संकट की वजह से अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। मामले पर अधीक्षण अभियंता ने बताया कि प्रत्येक उपकेंद्र के निर्माण में शासन का 5 करोड़ खर्च हो रहा है और क्षमता 5 एमवी की है। कहा कि कोरोना महामारी की वजह से बजट नहीं मिला, जिससे काम रुक गया था, लेकिन अब बजट मिलने की उम्मीद है। इनके चालू होने से बिजली संकट दूर होगा।


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