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'मुद्रा' का मिला साथ तो खुली रोजगार की राह

जागरण संवाददाता फतेहपुर अप्रैल 2015 में प्रारंभ हुई प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना रोजगार क

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 11:25 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 11:25 PM (IST)
'मुद्रा' का मिला साथ तो खुली रोजगार की राह
'मुद्रा' का मिला साथ तो खुली रोजगार की राह

जागरण संवाददाता, फतेहपुर :

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अप्रैल 2015 में प्रारंभ हुई प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना रोजगार की दिशा में क्रांतिकारी कदम साबित हो रही है। नौकरी के लिए दर-दर भटकने वाले शिक्षित युवाओं ने इसे रोजगार का हथियार बनाया है। यह मुद्रा योजना का ही कमाल है कि चार वर्षो में जिले के 22852 बेरोजगारों ने ऋण लेकर अपना खुद का रोजगार स्थापित किया है।

दोआबा के इस क्षेत्र में जहां छोटे व मझोले उद्यम लगभग विलुप्त थे, मगर मुद्रा योजना के आरंभ होने से अब इनकी संख्या बढ़ गई है। मुद्रा योजना के जरिए परंपरागत कार्यो को भी अपग्रेड कर लोग व्यावसायिक गतिविधियां आगे बढ़ा रहे हैं। छोटे-मझोले उद्योगों के लगने से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से एक लाख से अधिक लोगों का रोजगार का लाभ मिला।

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दस परिवारों को दिया रोजगार

-मवई के स्नातक उत्तीर्ण विमल कुमार नौकरी की चाहत में दो साल भटकते रहे। प्राइवेट संस्थान में आठ हजार रुपये महीने की नौकरी मिली, मगर इससे घर के खर्चे पूरे न होने से विमल परेशान रहते थे। इसी बीच मुद्रा लोन की जानकारी मिली। रूई धुनने और रजाई कारोबार के लिए ऋण की बात की तो मैनेजर ने तुरंत हामी भर दी। पांच लाख रुपये के ऋण से विमल ने गांव में काम शुरू कर दिया। मात्र डेढ़ साल में दूसरा ऋण लेकर शीतल पेय का कारखाना गांव में ही स्थापित किया है। इन दोनों उद्यम में दस परिवारों को रोजगार मिल रहा है।

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सबमर्सिबल से शुरुआत कर बनाया मशीनरी उद्योग

हुसेनगंज कस्बा निवासी अमरेंद्र यादव के भटके जीवन को मुद्रा योजना से एक राह मिल गई। बेरोजगारी भटक रहे अमरेंद्र ने बैंक से ऋण लेने के लिए तीन से चार बार आवेदन किया लेकिन फाइल आगे नहीं बढ़ती थी। मुद्रा लोन की जानकारी मिली तो पहली बार में ही दस लाख रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ, वह भी बिना किसी गारंटी के। उन्होंने कस्बे में सबमर्सिबल पंप बिक्री की शुरुआत की। दो साल की कड़ी मेहनत के बाद व्यवसाय बढ़ने लगा तो दोबारा ऋण लेकर कस्बे में ही मशीनरी उद्योग लगा दिया। अब यहां हर तरह की मशीनें मिलती है और अमरेंद्र एक कारोबारी के रूप में पहचान बना चुके हैं।

इनसेट..

मुद्रा लोन प्रकार व लाभार्थी (चार साल में )

ऋण का नाम सीमा लाभार्थी दी गयी राशि

शिशु मुद्रा 50 हजार तक 16210 81.50 करोड़

किशोर मुद्रा पांच लाख तक 5042 1.19 अरब

तरुण मुद्रा दस लाख तक 1000 50.27 करोड़


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