दिन भर छाए रहे बादल, दहशत में अन्नदाता
फतेहपुर जब मौसम अचानक करवट लेता है तो वायरल फीवर अस्थमा कब्ज बदहजमी कफ कोल्ड व नोज थ्रोट की बीमारियां आम बात है। लेकिन यदि बलते मौसम में शरीर के इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) सही रखा जाए तो बीमारी से बचा जा सकता है। जिला अस्पताल के सीएमएस डा. प्रभाकर बताते हैं कि ऐसे में संक्रमण रोकने के लिए सूती व साफ कपड़ों का प्रयोग करें पौष्टिक आहार लें और पर्याप्त पानी पिये सुबह की सैर के साथ योगा भी अच्छा व्यायाम है इसे नियमित करें।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : फाल्गुन महीने में मौसम के बदले मिजाज ने किसानों को डरा दिया है। शनिवार को दिन भर बादल छाए रहे और हवा के तेज रूख को देखकर किसान खेतों में खड़ी चना व सरसो की पकी फसल को सहेजने में लग गए है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि 24 व 25 फरवरी को हल्की बारिश होने की संभावना है। किसान इस समय फसल में कीटनाशक दवाओं व उवर्रक का प्रयोग न करें और न ही फसल की सिचाई करें। हवा की गति तेज होने से पकी फसल खेतों में गिर सकती है।
यमुना कटरी के गांवों के लिए मौसम खलनायक बनकर आया है। किसानों की चिता यह है कि इस समय चना व सरसो की फसल या तो पक गई है, ऐसे में बारिश हो गई तो पूरी मेहनत व उम्मीदों में ही पानी फिर जाएगा। विकास खंड अमौली, बहुआ, असोथर, विजयीपुर, खजुहा में बहुतायत हिस्से में चना व सरसो की ही फसल है। किसान रामशिरोमिणि, शिवबली सिंह, जर्नादन आदि ने बताया कि शिवरात्रि के दिन से खराब मौसम ने चिता बढ़ा दी है। जिला कृषि अधिकारी बृजेश सिंह ने कहा कि बारिश हो गई तो चना व सरसो की फसल को नुकसान होगा। हलांकि अधिक बारिश की संभावना नहीं है फिर भी किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है।
हवा से गिर सकती गेहूं की फसल
कृषि विज्ञान केंद्र थरियाव के मौसम वैज्ञानिक सचिन शुक्ला ने कहा कि इस समय किसान फसलों की सिचाई रोक दें। खेत में पानी का भराव न रहने दें। हवा तेज चलने से गेहूं की बाली दे चुकी फसल के गिरने की संभावना है। अधिकतम आद्रता 93 फीसद होने से वातावरण में नमी पर्याप्त है। उन्होंने किसानों को सलाह दिया कि पकी फसल को काट कर सुरक्षित स्थान में रखे।
बदले मौसम में रहे सतर्क
जब मौसम अचानक करवट लेता है तो वायरल फीवर, अस्थमा, कब्ज, बदहजमी, कफ कोल्ड व नोज थ्रोट की बीमारियां आम बात है। लेकिन यदि बलते मौसम में शरीर के इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) सही रखा जाए तो बीमारी से बचा जा सकता है। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. प्रभाकर बताते हैं कि ऐसे में संक्रमण रोकने के लिए सूती व साफ कपड़ों का प्रयोग करें, पौष्टिक आहार लें और पर्याप्त पानी पिये, सुबह की सैर के साथ योगा भी अच्छा व्यायाम है, इसे नियमित करें। खांसी व फेफड़ों की बीमारियां समझ में आती है तो गर्म पानी की भाप लें, गुनगुने पानी से गरारे करें।