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किसान भाई पावर टिलर अपनाएं, खेती की लागत घटाएं

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: एक नेशनल रिपोर्ट के अनुसार यूपी में प्रति एक हजार हेक्टेयर भ

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Oct 2018 11:35 PM (IST)Updated: Mon, 29 Oct 2018 11:35 PM (IST)
किसान भाई पावर टिलर अपनाएं, खेती की लागत घटाएं
किसान भाई पावर टिलर अपनाएं, खेती की लागत घटाएं

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: एक नेशनल रिपोर्ट के अनुसार यूपी में प्रति एक हजार हेक्टेयर भूमि पर 30 ट्रैक्टर हैं, जबकि यह संख्या बिहार में 17 और पंजाब में 68 हैं। ऐसे में ट्रैक्टर से खेत की जुताई किसान की लागत बढ़ा रहा है। सरकार के लाभ प्रयास के बाद भी किसान अपनी आय को दोगुना करने में सफल नहीं हो पा रहा है। लघु एवं सीमांत किसानों के लिए सरकार ने पावर टिलर को कृषि यंत्र में शामिल करते हुए छोटे किसानों को बड़ा लाभ दिया है। मामूली डीजल खपत पर किसान न सिर्फ अपने अपने खेती की जुताई कर सकता है, बल्कि यह फसल में खर पतवार की निराई में मजदूरों का खर्च भी बचाएगा।

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उप निदेशक कृषि प्रसार एके पाठक बताते हैं कि पावर टिलर खेतीबारी की एक ऐसी मशीन है, जिस का इस्तेमाल खेत की जुताई से लेकर फसल की कटाई तक किया जा सकता है। इस मशीन से निराई, ¨सचाई, मड़ाई और ढुलाई जैसे काम आसानी से लिए जा सकते हैं। इस मशीन से जिस प्रकार देशी हल में एक सीध पर बुआई की जाती है उसी प्रकार इसमें भी बुआई की जा सकती है। अगर इस पावर टिलर में कृषि के अन्य यंत्र भी जोड़ दिए जाए तो वह काम भी इसके सहारे पूरे किए जा सकते हैं।

पावर टिलर के बारे में यह जाने ट्रैक्टर की अपेक्षा यह काफी हल्का और चेन रहित होता है। इसे चलाना बेहद आसान है। इसका निर्माण कई कंपनियां करती है और इसके कई माडल बाजार में बाजार में उपलब्ध है। इसके कुछ माडल पेट्रोल और डीजल दोनों से चलते हैं, जबकि दो माडल केवल डीजल से ही चलाए जा सकते है। आसानी की बात करें तो कोई भी एक किसान इसे एक किनारे से दूसरे किनारे में उठाकर रख सकता है।

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किसान के दस काम करे आसान

-पावर टिलर अपना काम तो करता ही है लेकिन यह किसान के दस कामों को आसान बना देता है। इसमें पानी का पंप जोड़कर किसी भी तालाब, पोखर, नदी आदि से पानी निकाल कर खेत तक पहुंचा सकते है। इसी तरह इसमें थ्रेशर जोड़कर कतराई, रीपर, कल्टीवेटर, बीज ड्रिल मशीन, आदि जोड़कर किसान आसानी से अपना काम पूरा कर सकते है, खास बात यह है कि यह हल्के होने के कारण हर जगह पहुंच जाता है। पावर टिलर लाएं सरकार की सब्सिडी पाएं

आधुनिक खेती के युग में बैलों से खेती करने का चलन लगभग खत्म हो रहा है, नए नए कृषि यंत्र आ रहे और इन यंत्रों को बढ़ावा मिले इसके लिए सरकार इन पर छूट भी दे रही है। इसी तरह पावर ट्रिलर पर भी सरकार दो तरह से छूट देती है। उप निदेशक कृषि प्रसार एके पाठक बताते हैं कि आठ हार्सपावर के ट्रिलर पर 40 फीसद अनुदान है, इसमें अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसान को पचास फीसद लाभ दिया जाता है। इसकी कुल कीमत एक लाख है। इससे अधिक के हार्सपावर पर सब्सिडी कम है। कैसे पाएं लाभ, कौन होगा पात्र

पावर टिलर यूं तो कोई भी किसान ले सकता है, लेकिन लघु एवं सीमांत किसानों के लिए अनुदान देय है। इसे खरीदने में अनुदान मिले इसके लिए आपको पहले कृषि विभाग की वेबासाइट में अपना पंजीयन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन होने के बाद आप इस यंत्र की खरीद पर सब्सिडी चाहते है कि इसके लिए आप एक प्रार्थना पत्र कृषि विभाग को देंगे। इसके बाद आप अपना स्वयं का पूरा पैसा लगाकर इसे खरीदेंगे तब जाकर आपको सरकार इस पर अनुदान देगी।


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