गांव-गांव करा रहे बेसहारा पशुओं का सर्वे
-विजयीपुर ब्लाक के अंजना भैरो गांव की गोशाला में यूं तो 45 मवेशी हैं लेकिन यहां बाहर घूम रहे बेसहारा मवेशियों को घुसने नहीं दिया जाता है। कर्मचारी यहां पर गेट में तालाबंद कर रखते हैं। यमुना कटरी के गांवों में किसान बेसहारा मवेशियों के आतंक से परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना था यदि बेसहारा पशुओं को गोशाला में रखा जाए तो आश्रय के साथ ही क्षेत्र के लोगों को नुकसान से राहत मिल जाए। उधर ग्राम प्रधान प्रकाशचंद्र अवस्थी ने बताया कि भूसा दाना की व्यवस्था है। दूसरे के नलकूप से पानी लाना पड़ता है। गोशाला के नलकूप में विद्युत कनेक्शन नहीं हो पा रहा है। देखरेख निजी मजदूर रखे हैं। वह उतना ही पशुओं को गोशाला में रखेंगे जितने के लिए वह कुछ सके।
फतेहपुर: जिला पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके तिवारी ने बताया कि जिले में संचालित गोशालाओं में 1800 पशुओं की टैगिग की गयी है। इनका नियमित टीकाकरण व समय-समय पर उपचार भी होता है। जिन पशुओं की टैगिग की गयी है उनके लिए प्रति पशु 30 रुपये खर्च ग्राम सभाओं को दिया जा रहा है। जहां भी कमियां है उनकी जांच कराई जाएगी और सुधार किया जाएगा। शीघ्र ही बेसहारा पशुओं की समस्या खत्म होगी।
जिले में कहां कहां संचालित है गोशाला
रारा, सलेमाबाद, नहवइया, देवलान, चकहाता, रोशनपुरटेकारी, उकाथू, शाह-गोपालपुर, कौड़िया, शिवराजपुर, अस्वा बक्सपुर, जहानाबाद आदि।