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सुमन की सुझाव पेटिका से संवरा स्कूल

संवाद सहयोगी बिदकी परिषदीय स्कूलों में शैक्षणिक संवर्धन के लिए खजुहा ब्लाक के प्राथमिक विद्य

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 08:26 PM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 08:26 PM (IST)
सुमन की सुझाव पेटिका से संवरा स्कूल
सुमन की सुझाव पेटिका से संवरा स्कूल

संवाद सहयोगी, बिदकी : परिषदीय स्कूलों में शैक्षणिक संवर्धन के लिए खजुहा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय टिकरी-मनौटीमें तैनात प्रधानाध्यापिका सुमन पांडेय ने एक सार्थक पहल की। विद्यालय परिसर पर ही दो सुझाव पेटिकाएं रखकर एक में ग्रामीणों के मन की बात और दूसरे में सुझाव लिख कर मांगे। जो पत्र आए उन्हीं के आधार पर उन्होंने विद्यालय को उत्कृष्ट स्कूलों की सूची में शामिल कराया है। विद्यालय की छात्र संख्या भी पहले से दोगुनी हो गई है।

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वर्ष 2015 में प्राथमिक विद्यालय टिकरी-मनौटी में बतौर प्रधानाध्यापक सुमन पांडेय की तैनाती हुई। उस समय यहां की छात्र की संख्या 109 थी। विद्यालय में तैनात शिक्षा मित्र के साथ मिलकर उन्होंने शैक्षिक गुणवत्ता सुधारने का प्रयास शुरू किए। सामुदायिक सहयोग कैसे बढ़े इसके लिए अभिभावकों के अलावा गांव के प्रबुद्ध लोगों से सुझाव मांगे। इसके बाद विद्यालय परिसर को सुंदर बनाया गया। इससे सामुदायिक सहयोग भी बढ़ा। अभिभावकों में भरोसा जगा, नतीजतन शैक्षिक सुधार से विद्यालय की वर्तमान में छात्र संख्या 211 हो चुकी है। सोच बदली और शुरू हो गया सुधार

प्रधानाध्यापक बताती हैं कि अभिभावक और गांव के लोग सोचते हैं कि अरे टीचर हैं इनको क्या सुझाव दें। बहुत दफा अच्छे विचार इस कारण दब जाते हैं। इस भावना को समझते हुए बातचीत के जरिए सुझाव न लेकर कागज में लिखकर लेने का विचार आया। फिर इसके लिए दो पत्र पेटिकाएं तैयार कराईं। इसमें एक मन की बात जो भी विद्यालय के प्रति मन में हो, दूसरी सुझाव, जो भी सुधार के लिए सुझाव देना चाहें। लिखकर पेटिका में डालने का क्रम शुरू कराया। अभिभावकों व गांव के लोगों ने बहुत सारे विचार लिखकर दिए। उन पर काम करते हुए शैक्षिक गुणवत्ता को सुधारा गया। बढ़ी सामुदायिक सहभागिता

अभिभावक सफीना ने विद्यालय की छात्राओं को सिलाई-कढ़ाई सिखाने का प्रस्ताव दिया। इस स्वीकार कर लिया गया और वह स्कूल में पुरानी जूट की बोरियों से कढ़ाई का हुनर छात्राओं को दे रही हैं। गांव के जय नारायण पटेल ने विद्यालय बंद होने पर परिसर में पेड़ पौधों की सिचाई का प्रस्ताव रखा। इसके बाद से विद्यालय परिसर हमेशा हराभरा रहता है। विद्यालय के निर्माण में गुणवत्ता परखने की जिम्मेदारी वीरेंद्र निभाते हैं।

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सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने का यह सफल प्रयास है। इससे अभिभावक व अन्य लोगों का विद्यालय के प्रति लगाव बढ़ा है। इससे विद्यालय की साज-सज्जा सुधरी है और छात्र संख्या भी बढ़ी है।

राजीव गंगवार, बीईओ खजुहा


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