वीर सावरकर की याद में झुके शीश
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जागरण संवाददाता, फतेहुपर : गुलामी की जंजीरों से जकड़े देश को स्वतंत्रता दिलाने में महती भूमिका अदा करने वाले वीर विनायक दामोदरदास सावरकर की 136 वीं जयंती गुरुवार को श्रद्धा के साथ मनाई गई। अखिल भारत हिदू महासभा के कैंप कार्यालय आइटीआई रोड में जुटे लोगों ने उनके तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके श्रद्धाभाव से शीश झुकाया। इस मौके पर वीर सावरकर की गौरव गाथा का गान करते हुए केंद्र सरकार से भारत रत्न दिए जाने की मांग दोहराई।
जंगे आजादी के अमर सपूत वीर सावरकर की जयंती कार्यक्रम में महासभा के प्रदेश महामंत्री और काशी प्रांत के प्रभारी मनोज त्रिवेदी ने कहाकि 22 अगस्त 1906 में महाराष्ट्र के पूना शहर में विदेशी वस्त्रों की होली जलाकर देश की आजादी के लिए कदम रखा। वह आजादी के लिए अनवरत संघर्ष करते रहे। इस दौरान उन्होंने 20 वर्षों तक अंडमान-निकोबार की जेल में काला पानी की सजा काटी। 1936 में उनको हिदू महासभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। देश को आजाद करने के लिए अंग्रेजों की यातनाएं सहीं लेकिन कभी भी हिम्मत नहीं हारी। अंग्रेज उनकी नीति से दहशत खाते थे। जयंती के अवसर पर जिलाध्यक्ष रामगोपाल शुक्ला, महामंत्री करन सिंह पटेल, जिला प्रवक्ता स्वामी राम आसरे आर्य आदि ने अमर नायक की गौरव गाथा में विस्तार से प्रकाश डाला। नमन करने वालों में बाबू तिवारी, संतोष नेता, शिवाकांत तिवारी, राम नरायण आचार्य, स्वामी गया प्रसाद, बब्बू मिश्रा, अतुल दीक्षित, अभिमन्यु गौतम, प्रतिपाल सिंह, प्रमोद कुमार पाण्डेय आदि मौजूद रहे।