Move to Jagran APP

तालाब में बसा दी बस्ती, 260 घरों पर संकट

धारा 67 का मुकदमा चलाएगा प्रशासन -यूं तो नगर पालिका ने अब तक इस बस्ती में बसे घरों के लिए नोटिस जारी नहीं की है लेकिन प्रशासन ने यह भी तैयारी कर चुका है कि एक निश्चित अवधि के बाद नगर पालिका की नोटिस का समय पूरा हो जाएगा। इसके बाद हल्का लेखपाल के जरिए तहसीलदार कोर्ट में तालाब में घर बनवाने वालों के खिलाफ धारा 67 का मुकदमा दर्ज कर उन्हें बेदखल किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 11:55 PM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 06:06 AM (IST)
तालाब में बसा दी बस्ती, 260 घरों पर संकट
तालाब में बसा दी बस्ती, 260 घरों पर संकट

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: शहर के ज्वालागंज इलाके में करीब 21 बीघे के तालाब की नवैइयत बदलकर जमीन को भूमिधर बनाने का मामला अब यहां के 260 घरों के लिए गले की हड्डी बन गया है। दरअसल वर्ष 2000 से 2005 के बीच शहर के कुछ नामचीन लोगों ने पावर आफ अटार्नी के दम सैकड़ों लोगों को प्लाट बेंचा था। जबकि जमीन मूल रूप से तालाब खाते की थी। अब एसडीएम ने 25 अक्टूबर 2019 को एसडीएम सदर ने एक आदेश जारी कर उक्त जमीन को पुन: तालाब खाते में दर्ज कराया है। जमीन तो तालाब खाते में दर्ज हो गयी है, लेकिन इस पर बने मकान ज्यों का त्यों खड़े हैं। लोगों में दहशत है कि अब उनके मकान गिरेंगे।

loksabha election banner

राजस्व दस्तावेज 1359 फसली में ज्वालागंज में 21.5 बीघे का तालाब था, लेकिन चकबंदी वर्ष 1958 से 1962 के दौरान यह जमीन गाजीपुर थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति उनके परिजनों के नाम चली गयी। (तालाब खाते की भूमि का प्रकार नहीं बदला जा सकता और न ही उसकी शक्ल में कोई परिवर्तन संभव है) तालाबी नंबर की भूमि को नामदार बनाया गया इसके साक्ष्य आज भी चकबंदी रिकार्ड आकार पत्र 45 में दर्ज हैं। तब से इस जमीन को भूमिधर माना जाता रहा। वर्ष 2000 में शहर के कुछ नामचीन लोगों ने जमीन को बेंचने के लिए कथित भू-स्वामियों से पावर आफ अटार्नी ले ली। इसके बाद करीब 260 लोगों को जमीन प्लाट के रूप में बेंची गयी। अब भी जमीन का कुछ हिस्सा अवशेष पड़ा है। अब सवाल यह है कि जमीन जब पुन: तालाब खाते में दर्ज की गयी है, तो यहां बसी बस्ती के अस्तित्व पर संकट छा गया।

हमने जमीन पुन: तालाब खाते दर्ज की : तहसीलदार

तहसीलदार विदुषी सिंह का कहना है कि पूर्व में ज्वालागंज क्षेत्र का गाटा संख्या 2575 तालाब था, लेकिन आकार पत्र 45 में इसे भूमिधर दर्ज किया गया है। हमने जांच पड़ताल की है, और उक्त जमीन को पुन: तालाबी नंबर में दर्ज कराया है। अब यहां पर बसी बस्ती को नियमानुसार नगर पालिका नोटिस जारी कर खाली कराएगी।

धारा 67 का मुकदमा चलाएगा प्रशासन

यूं तो नगर पालिका ने अब तक इस बस्ती में बसे घरों के लिए नोटिस जारी नहीं की है, लेकिन प्रशासन ने यह भी तैयारी कर चुका है कि एक निश्चित अवधि के बाद नगर पालिका की नोटिस का समय पूरा हो जाएगा। इसके बाद हल्का लेखपाल के जरिए तहसीलदार कोर्ट में तालाब में घर बनवाने वालों के खिलाफ धारा 67 का मुकदमा दर्ज कर उन्हें बेदखल किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.