भाजपा की हैट्रिक रोकने के लिए क्षत्रिय चेहरे पर दांव लगा सकती है सपा! बसपा ने नहीं खोले अपने पत्ते
UP Politics भाजपा की हैट्रिक रोकने के लिए समाजवादी पार्टी प्रत्याशी चयन में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। जातीय समीकरणों में उलझी सपा पिछड़ी जाति के साथ क्षत्रिय चेहरे पर विचार कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम गृह जनपद वाली संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की मंशा कार्यकर्ताओं के बीच जाहिर कर चुके है इसके बाद उनके नाम की घोषणा न होने से दावेदारो में खलबली मची है।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर। भाजपा की हैट्रिक रोकने के लिए समाजवादी पार्टी प्रत्याशी चयन में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। जातीय समीकरणों में उलझी सपा पिछड़ी जाति के साथ क्षत्रिय चेहरे पर विचार कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम गृह जनपद वाली संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की मंशा कार्यकर्ताओं के बीच जाहिर कर चुके है इसके बाद उनके नाम की घोषणा न होने से दावेदारो में खलबली मची है।
भाजपा ने तीसरी बार सांसद साध्वी निरंजन ज्योति को टिकट देकर अपने पत्ते खोल दिए है, लेकिन सपा व बसपा अपने प्रत्याशी तय नहीं कर पा रही है। वर्ष 2019 के चुनाव में सपा, बसपा गठबंधन से बिंदकी तहसील क्षेत्र के निवासी कुर्मी विरादरी के सुखदेव वर्मा को टिकट दिया था।
नरेश उत्तम पटेल को भी माना जा रहा था दावेदार
संसदीय सीट में पिछड़ी जाति में कुर्मी व लोधी मतदाताओं की संख्या मजबूत होने से सपा कुर्मी विरादरी के ही प्रत्याशी को उतारने का मन बना लिया था। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम व पूर्व सांसद डा. अशोक पटेल प्रमुख दावेदार माने जा रहे है।
बताते है कि अभी तक इन दोनों में किसी एक को टिकट मिलने का भरोसा दिया गया था। दो-तीन से सपा ने प्रत्याशी को लेकर गणित बदलने लगी है। क्षत्रिय प्रत्याशियों में समरजीत सिंह, पूर्व बार अध्यक्ष जगदीश उर्फ जालिम सिंह के नाम प्रमुख है। क्षत्रिय दावेदारों ने यह गणित बताई कि क्षत्रिय प्रत्याशी होने पर पिछड़ी जाति, मुस्लिमों के साथ क्षत्रिय मतों के सहयोग से जीत सुनिश्चित है।
जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह यादव ने कहा कि पिछ़ड़ी जाति के साथ क्षत्रिय चेहरे पर भी विचार चल रहा है।
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