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जनसूचना के हथियार से दिलाया अधिकार

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : देश को आजाद हुए सात दशक बीत गए लेकिन अभी भी आम जनता को उसक

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Aug 2017 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 11 Aug 2017 07:04 PM (IST)
जनसूचना के हथियार से दिलाया अधिकार
जनसूचना के हथियार से दिलाया अधिकार

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : देश को आजाद हुए सात दशक बीत गए लेकिन अभी भी आम जनता को उसका हक नहीं मिल पा रहा है। अधिकारियों की चौखट पर न्याय की गुहार लगाते-लगाते जरूरतमंद थक जाते हैं, लेकिन न्याय नहीं मिलता। नौकरशाही की भेड़चाल के शिकार हुए कुरस्तीकला ग्रामसभा के मजरे दौलतपुर के रमेश ¨सह कछवाह। जब इन्हें वर्षों दौड़ने के बाद हक नहीं मिला तो वर्ष 2006 में इन्होंने जनसूचना अधिकार को हथियार बनाया और विभागों से जानकारी लेना शुरू किया। शुरुआत में तो अपनी समस्याओं के प्रति संजीदगी बरती, बाद में अन्य लोगों की समस्याओं को जनसूचना अधिकार के तहत हल करवाने का बीड़ा उठाया। अब तक 200 से अधिक लोगों को जनसूचना के तहत हक दिला चुके हैं। इन्हें जानकारी न देने पर कई विभागों के अधिकारियों को जनसूचना आयोग में तलब भी कराया और कुछ की हाईकोर्ट इलाहाबाद में पेशी भी कराई। अभी हाल ही में एक्सईएन विद्युत से जानकारी मांगी थी कि कितनी बिजली विभागीय अधिकारी जला रहे है, इसका लेखाजोखा विद्युत विभाग के अधिकारियों ने कई माह तक नहीं दिया। इस पर उन्होंने जनसूचना आयोग से शिकायत की, विभाग के एक्सईएन को आयोग ने तलब करके जानकारी देने के निर्देश भी दिए लेकिन नहीं दी। उन्होंने हाईकोर्ट में वाद किया। इस पर न्यायाधीश अरुण टंडन की बेंच ने एक्सईएन विद्युत वितरण खंड प्रथम को 12 घंटे में वादी को मांगी गई जानकारी देने के आदेश दिए, तब जाकर वादी को कामयाबी मिल पाई और विभागीय अधिकारी भी अपने बंगलों में विद्युत मीटर लगवाए। खाद्यान्न विभाग से गेहूं तौल में अधिक अनाज लेने, दलालों के प्रवेश में रोक, ¨सचाई में जिले को आवंटित पानी क्यों नही मिल रहा, समेत कई प्रकार की जानकारी जनसूचना से ली। वहीं जलनिगम, समाज कल्याण, जिला पूर्ति, वन विभाग एवं पुलिस महकमे से जनसूचना अधिकार के तहत कई ¨बदुओं पर जानकारी मांगी है लेकिन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने नहीं दी है। इसकी शिकायत वादी ने सूचना आयोग से कर दी है।

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हार नहीं मानूंगा

- जनसूचना अधिकार के तहत लोगों को हक दिलाने में जुटे रमेश ¨सह कछवाह का कहना था कि वे जनता की समस्याओं के लिए संघर्ष करते रहेंगे और वे हार नहीं मानेंगे। कहा कि उन्हें अधिकारी उपेक्षित एवं लज्जित भी करते है, लेकिन वे हार मानने वाले नहीं हैं।


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