'गोद' के स्कूल को 'आदर्श' बनाने की जिम्मेदारी तय
-48 अफसरों को गोद दिए गए जिले के परिषदीय स्कूल -संसाधन दुरस्त करने के साथ पटरी पर लानी
-48 अफसरों को गोद दिए गए जिले के परिषदीय स्कूल
-संसाधन दुरस्त करने के साथ पटरी पर लानी होगी शिक्षा
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: परिषदीय स्कूलों को गोद लेने की परंपरा तो कई वर्षों से चल रही है, अफसर स्कूलों को गोद भी लेते हैं और छह माह में इन्हें बेहतर बताकर अच्छा स्कूल करार दे दिया जाता है। इस बार डीएम आंजनेय कुमार ¨सह ने गोद लेने वाले 48 जिला स्तरीय अफसरों पर जिम्मेदारी का बोझ भी डाला है। अफसरों को जिम्मेदारी दी गयी है कि वह स्कूल में शैक्षणिक माहौल बनाने के साथ यहां पर अधूरे संसाधनों को भी अपनी देखरेख में पूरा कराए। इसके बाद ग्रे¨डग कर इन स्कूलों का मूल्यांकन किया जाएगा।
डीएम ने अफसरों जो स्कूल गोद दिए हैं, उनमें अफसरों को हैंडपंप के साथ ओवरहेड टैंक, विद्युत व्यवस्था, शौचालय, फर्नीचर, मध्यान्ह भोजन वितरण, शैक्षिक पाठयक्रम समय से पूर्ण कराने, वृक्षारोपण, निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, ड्रेस वितरण, बैग, जूता-मोजा वितरण, स्कूल की बांउड्री तथा टाइल्स आदि काम इन्हीं अफसरों की देखरेख में पूरा किया जाएगा। साथ ही विद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता बेहतर की जाएगी। डीएम ने खुद भी भिटौरा विकास खंड के केशवपुर उच्च प्राथमिक स्कूल को गोद लिया है, जबकि सीडीओ ने बिलंदा, एडीएम ने मसवानी, परियोजना निदेशक ने कंधिया, एसडीएम खागा ने बहेरा सादात, सदर ने चकसकन, ¨बदकी एसडीएम ने गुगौली गांव को गोद लिया है। इसी तरह डीएम ने सभी 48 स्कूलों को इतने ही जिला स्तरीय अफसरों को गोद दिया है।