करोड़ों का राजस्व देने वाली गल्ला मंडी का हलक सूखा
संवाद सहयोगी बिदकी सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाली बिदकी गल्ला मंडी में स्था
संवाद सहयोगी, बिदकी : सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाली बिदकी गल्ला मंडी में स्थापित नलकूप व ओवरहेड टैंक शोपीस बने हैं। दुकानों (आढ़तों) में जलापूर्ति करने के लिए डाली गई पाइप लाइनें पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी हैं। मंडी में आने वाले किसानों, काम करने वाले मजदूरों व व्यापारियों के प्यास से हलक सूखते हैं।
मंडी स्थलों में किसानों व व्यापारियों को पेयजल की व्यवस्था करना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल होता है। बिदकी में नवीन गल्ला मंडी का निर्माण वर्ष 1992-93 में हुआ। इस दौरान आढ़तियों के लिए बनाई गई दुकानों तक पेयजलापूर्ति के लिए पाइप लाइन डाली गई। साथ ही 1500 केएल क्षमता का एक ओवरहेड टैंक बना और नलकूप लगाया गया। इसके साथ ही स्टैंड पोस्ट बनाए गए। जहां पर बिना रोक टोक आने वाले किसान व मजदूर प्यास बुझा सकें। पेयजलापूर्ति के लिए बिछाई गई पाइप लाइन ओवर लोड ट्रकों के कारण दबकर ध्वस्त हो गई। पाइप लाइन ध्वस्त होने के कारण जलापूर्ति भी ठप हो गई। इस कारण नलकूप बंद और ओवर हेड टैंक सूखा पड़ा है। पिछले दो वर्षो से व्यापारी और किसान पेयजलापूर्ति बहाल कराने की मांग करते आ रहे हैं। इसके बाद भी मंडी में पेयजल का इंतजाम नहीं हो पाया है।
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तीन हैंडपंपों में से दो खराब
नवीन गल्ला मंडी में तीन हैंडपंप लगे हैं। इन हैंडपंप में दो खराब पड़े हैं। एक हैंडपंप भी रुक-रुककर पानी दे रहा है। गर्मी का और बढ़ने के साथ ही यह भी दगा दे जाएगा। अभी मंडी में गेहूं की आवक शुरू होगी। तब पेयजल की मारामारी होगी। दूर-दूर से आए किसान मंडी में पानी के लिए भटकेंगे। पानी न होने से शौचालय बंद
नवीन गल्ला मंडी में बनाए गए शौचालय में ताला पड़ा हुआ है। शौचालय में पानी का कोई इंतजाम न होने के कारण इसका उपयोग नहीं हो पा रहा है। मंडी में आने वाले किसान, व्यापारी खुले में शौच व लघु शंका के लिए जाने को मजबूर होते हैं। किसानों को सुविधाएं देने में मंडी प्रशासन फेल
भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष रामसहाय पटेल ने कहाकि मंडी समिति प्रशासन किसानों को मंडी में पेयजल सहित अन्य सुविधाएं देने के पूरी तरह से फेल है। अधिकारियों को किसान हितों की चिता ही नहीं है। मंडी प्रशासन नहीं दे रहा सुविधाएं
नवीन गल्ला व्यापार मंडल अध्यक्ष दिनेश गांधी ने कहा मंडी प्रशासन पेयजल की व्यवस्था किसानों, व्यापारियों को नहीं दे पा रहा है। जबकि सरकार की प्राथमिकता में यह है। मंडी समिति प्रशासन की लचर व्यवस्था का ही नतीजा है कि दो साल से पेयजलापूर्ति पाइप लाइनें ध्वस्त पड़ी हैं। कोई देखने वाला नहीं है। कई बार मंडी सचिव से मिलकर बात रखी गई। पर कोई सुनवाई ही नहीं हुई है। दो हैंडपंप खराब पड़े हैं। गर्मी में पीने का पानी बाजार से मंगाना पड़ रहा है। रिपोर्ट भेजी जा चुकी है
नवीन गल्ला मंडी के मंडी सचिव पीएन गुप्ता ने कहा पानी टंकी न चालू होने की रिपोर्ट भेज चुके हैं। खराब हैंडपंप ठीक कराए जाएंगे। पाइप लाइन नई डाली जानी है। पर कब काम शुरू होगा इसकी जानकारी उनके पास नहीं है।
मंडी में दुकानों (आढ़तों) की स्थिति
एक श्रेणी की दुकानें -10
बी श्रेणी की दुकानें -20
सी श्रेणी की दुकानें -20
मंडी की सालाना आय- 7.88 करोड़