बिजली कटौती जारी, जर्जर उपकरण भी बने समस्या
संवाद सहयोगी खागा बिजली किल्लत से चारों तरफ हाहाकार मचा है। गांव शहर सभी जगह लोग बि
संवाद सहयोगी, खागा : बिजली किल्लत से चारों तरफ हाहाकार मचा है। गांव, शहर सभी जगह लोग बिजली कटौती से जूझ रहे हैं। नगरीय क्षेत्र में आठ से दस घंटे की अघोषित कटौती हो रही है। ग्रामीणांचल में हालात बद से बदतर पहुंच चुके हैं। अघोषित कटौती में जर्जर उपकरण उपभोक्ताओं का दर्द बढ़ा रहे हैं। आपूर्ति के दौरान तार टूटने, डिस्क और ट्रांसफार्मर फुंकने से हर रोज घंटों आपूर्ति बंद रहती है।
कनपुरवा पावर हाउस के सभी फीडरों में बमुश्किल सात-आठ घंटे की आपूर्ति हो पा रही है। आपूर्ति के दौरान फाल्ट की वजह से ऐराना, कोट, धाता और विश्व बैंक फीडर के उपभोक्ताओं को वह भी नहीं मिल पा रही है। बिजली पर आधारित व्यापार पूरी तरह से चौपट हैं। कल-कारखानों में बिजली गुल होने की वजह से दिन भर सन्नाटा रहता है। विद्युत आधारित कृषि कार्यों के लिए किसान दिन-रात खेत-खलिहान में समय गुजारते हैं। अशोक सिंह, राजा सिंह, अरूण कुमार, राजाराम, बबलू, कल्लू मिश्र आदि लोगों का कहना था दिन-रात मिलाकर मुश्किल से छह घंटे बिजली मिलती है। आपूर्ति के दौरान कहीं न कहीं फाल्ट निश्चित होता है। फाल्ट सुधारने के लिए आपूर्ति बंद रखी जाती है। बीते एक सप्ताह से कटौती की समस्या बढ़ी है। जिसका समाधान निकालने की बजाय, आला-अधिकारी ऊपर बैठे लोगों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जेई आदित्य त्रिपाठी का कहना था समूचे प्रदेश में बिजली किल्लत चल रही है। ग्रामीणांचल के विद्युत उपकेंद्रों में अतिरिक्त कटौती का आदेश आया है। सप्ताह भर में समस्या का निस्तारण हो जाएगा।
टाउन में भी समस्या बढ़ी
नगर के उपभोक्ता भी अघोषित कटौती की समस्या से जूझ रहे हैं। 20 घंटे के रोस्टर में उपभोक्ताओं को 12-14 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। आपूर्ति के दौरान फाल्ट होने की स्थिति में बार-बार सप्लाई बंद रहती है। शुक्रवार को दिन में जीटी रोड तथा किशुनपुर रोड पर फाल्ट की वजह से दो घंटे आपूर्ति बंद रही।
एक सप्ताह से फुंके पड़े ट्रांसफार्मर
महिचा मंदिर उपकेंद्र से संचालित संवत गांव में बीते एक सप्ताह से 25-25 केवीए क्षमता के दो ट्रांसफार्मर फुंके हैं। आबादी तथा रामभरोसे तिवारी के निजी नलकूप को विद्युत आपूर्ति करने वाले ट्रांसफार्मर बदलने में कर्मचारी हीलाहवाली कर रहे हैं। अंकित श्रीवास्तव, सनोज सविता, रामभरोसे तिवारी, सौरभ अवस्थी, रामजी, मोहित अग्निहोत्री आदि ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन में ट्रांसफार्मर बदलने का नियम है। एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई देखने नहीं आया है। 40 उपभोक्ताओं के घरों पर अंधाकुप रहता है। जेई आरएन सिंह का कहना था उन्होंने रिपोर्ट लगाकर स्टोर को प्रेषित कर दी है।