बुखार से एक की मौत, नौ मरीज डेंगू की चपेट में
सरकारी इलाज में भले ही डेंगू होने की पुष्टि नहीं हो रही है पर निजी अस्पतलों में बीमारों पर डेंगू की पुष्टि बदस्तूर जारी है। नतीजा कि डेंगू का डंक घर-घर पीड़ा पहुंचा रहा है। तहसील क्षेत्र के गांव इस बीमारी से परेशान है तो सेहत महकमा मच्छर जनित बीमारी की रोकथाम में नाकाम है। शुक्रवार को मदुरी गांव में बुखार से जूझ रही तो बेटियों में से एक की मौत हो गयी। जबकि कानपुर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में रुयिया गांव के एक देवरी गांव के चार बहरौली में तीन व एक ड्राइवर पर डेंगू की पुष्टि की है।
जागरण टीम, बिदकी : सरकारी इलाज में भले ही डेंगू होने की पुष्टि नहीं हो रही है पर निजी अस्पतालों में डेंगू पीड़ितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। नतीजा कि डेंगू का डंक घर-घर पीड़ा पहुंचा रहा है। तहसील क्षेत्र के गांव इस बीमारी से परेशान है तो स्वास्थ्य विभाग मच्छर जनित बीमारी की रोकथाम में नाकाम हैं। शुक्रवार को मदुरी गांव में बुखार से जूझ रही तो बेटियों में से एक की मौत हो गयी। जबकि कानपुर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में रुसिया गांव के एक, देवरी गांव के चार, बहरौली में तीन व एक ड्राइवर पर डेंगू की पुष्टि की है।
बुखार पीड़ितों में लगातार हो रही डेंगू की पुष्टि के बाद गांवों में बीमारी को लेकर दहशत फैल रही है। चूंकि सरकारी रिकार्ड में भले ही 64 डेंगू पीड़ित पाए गए हैं, लेकिन जिले में अब तक इनकी संख्या दो सैकड़ा पहुंच चुकी है। मदुरी गांव के महेश सोनकर की दो बेटियां है, पिछले एक सप्ताह आठ वर्षीय नंदनी, दस वर्षीय प्रियंका बुखार का उपचार कानपुर के निजी हास्पिटल में करा रही थी। शुक्रवार को नंदनी की मौत हो गयी जिसके बाद गांव में अन्य बुखार पीड़ित दहशत से भर गए हैं। रुसिया गांव में अनीशा पटेल को डेंगू की पुष्टि निजी अस्पताल में हुई है, जबकि इस गांव के छोटेलाल, रेखा, मनीराम, प्रेम नारायण, रोशनी, रामराज, ऊषा जयरानी, अंगनू, सुधी सोनी, होरी लाल, रामा देवी व श्रीकांत सोनी बुखार के चलते गांव में ही रहकर उपचार करा रहे हैं। देवरी गांव में अजय मिश्रा, शिल्पी मिश्रा, आराध्या व कल्लू को कई दिनों से बुखार आ रहा है। इन सभी को कानपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां पर चिकित्सकों ने इनको डेंगू बताया है। मलवां विकास खंड के बहरौली गांव में एक ही परिवार के तीन बच्चे डेंगू से पीड़ित हैं। कृष्ण कुमार सिंह ने बताया उनका पुत्र आयुष, भतीजी शिवानी व भतीजा अंकित को बुखार बुखार से पीड़ित है, बिदकी सीएचसी में बुखार की दवा ली। इसके बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। तीनों को कानपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। चिकित्सकों का कहना है जांच में इनको डेंगू निकला है। हालत गंभीर बनी हुई है।
पीटीओ के चालक को डेंगू की पुष्टि
एआरटीओ कार्यालय के पीटीओ (यातायात पंजीयन निरीक्षक) के चालक राजू सिंह पर भी डेंगू की पुष्टि हुई है। राजू के अनुसार वह कई दिनों से बुखार से परेशान था। पहले जिला अस्पताल में दिखाया था, लेकिन आराम नहीं मिला। कानपुर के एक निजी अस्पताल में दिखाने पर डेंगू की पुष्टि हुई है।