शहर में कूड़ा निस्तारण न होना बना परेशानी का सबब
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शहर से निकलने वाला राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बना हु
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शहर से निकलने वाला राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। कूड़ा निस्तारण के लिए बनाया गया सालिड वेस्ट प्लांट का चार साल से पहिया तक नहीं चल पाया है। कूड़े के अंबार के बगल से निकलने वाले लोग परेशान हो रहे हैं। प्रशासन के ध्यान न देने से लोगों में आक्रोश फैलता जा रहा है।
एक दिन में प्लांट को 60 मीट्रिक टन कूड़ा कचरे की जरूरत होती थी जिससे खाद बनाई जाती थी। इसके बाद हो जाने से इस प्लांट के पास ही नगर पालिका कूड़ा करकट ढेर कर रही है। सफाई कर्मियों के द्वारा गलियों से निकाला जाने वाला कूड़ा कचरा जिसमें मृत पशु भी शामिल होते हैं परेशानी का सबब बने हुए हैं। आसपास के इलाके में दुर्गंध युक्त हवाओं ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। मलाका गांव सहित आसपास के गांवों तथा गाजीपुर सड़क के लिए जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्या है सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट
वर्ष 2009 में शहर से सटे मलाका गांव के पास सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की स्थापना की गई थी। इस प्लांट में शहर का कूड़ा कचरा जाता था और एक कंपनी द्वारा इस कचरे से खाद बनाई जाती थी। खाद की मांग कई प्रदेशों में खूब थी। जिसके चलते कंपनी को खासी आय हुआ करती थी। विवादों के घेरे में आए प्लांट में चार साल से ताला पड़ा हुआ है। इमारत बची, सामान चुरा ले गए चोर
तालाबंदी के चलते चोरों की पौ बारह हो गई। प्लांट में ताला पड़ा तो प्रशासन रखवाली भूल गया। जिसके चलते चोर बाउंड्री फांदकर रात के अंधेरे में मोटरें और कीमती सामान बारी बारी से चुरा ले गए। हालात यह हो गए कि चोरों द्वारा वह सामान छोड़ा गया है जो आसानी से उठाकर ले नहीं जाया जा सकता है। छह माह पूर्व तत्कालीन डीएम के रुचि लेने से कंपनी और जिला प्रशासन की त्रिस्तरीय कमेटी के सामने ताला खोला गया तो अंदर कबाड़ का सामान ही मिल पाया है। एक अनुमान के मुताबिक इसके संचालन के लिए करीब दो करोड़ रुपये की जरूरत है। नगर पालिका प्रशासन के पास इतनी बड़ी रकम नहीं है कि वह इसका संचालन कर सके। आए दिन आग से जलता कूड़ा करकट
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से सिर्फ रोक ही नहीं लगाई है बल्कि जुर्माने का प्राविधान भी कर रखा है। एनजीटी का यह आदेश शहर में हवा में तैरता हुआ नजर आ रहा है। आए दिन प्लांट में कूड़ा जलता हुआ दिखाई देता है। कूड़ा जलाए जाने से विषैली गैस वायुमंडल को खराब कर रही है। इसके बाद भी पालिका प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। क्या बोली जनता
- शासन से लेकर प्रशासन कूड़ा कचरे के निस्तारण का ¨ढढोरा पीट रहा है। इसके बाद भी शहर मुख्यालय के कूड़ा निस्तारण योजना फेल पड़ी है। शक्ती ¨सह
- सड़ रहे कूड़े कचरे से विषैली गैसें पर्यावरण को प्रभावित कर रही हैं। इसके बावजूद प्रशासन पूरी तरह से आंख मूंदे हुए बैठा है। प्रदीप कुमार
- कंपनी और पालिका के विवाद में उच्च स्तरीय अधिकारियों को हस्ताक्षेप करके मामला निपटाया जाना चाहिए। अवधेश कुमार पाण्डेय
- शहर के कूड़ा कचरे को ढेर लगाने से गंदगी से राहत नहीं मिलेगी। इसके लिए प्रशासन को ठोस उपाय करने होंगे। बबलू क्या बोले जिम्मेदार
प्लांट को लेकर डीएम से वार्ता हुई है। जिसमें कंपनी को शासन से भी पत्र लिखा गया है। प्रशासन का प्रयास है कि जल्द से जल्द प्लांट को चालू किया जा सके। अगर प्लांट को कंपनी नहीं चालू करती है तो फिर नगर पालिका प्रशासन खुद के संसाधन एवं शासन से मदद लेकर इस प्लांट को चलाने के मूड में है। कूड़ा कचरे से जनता को दिक्कत हो रही है जिसको लेकर शासन में पत्राचार किया गया है।
- नजाकत खातून, चेयरमैन सदर नगर पालिका