रिहायशी इलाकों में हटाए नहीं हट रहे दूध के चट्टे
जागरण संवाददाता फतेहपुर शहर क्षेत्र में दूध के मुनाफे भरे कारोबार के लिए संचालित हो रहे दूध के चट्टे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। शासन द्वारा प्रतिबंधित किए गए चट्टे के संचालक बीते दस सालों में प्रशासनिक कई नोटिसें हजम कर गए हैं। प्रशासन भी नोटिस के बाद इन्हें हटाने के लिए रुचि नहीं लेता है। जिससे अवैध करार दिया गया चट्टे का संचालन रुकने के बजाए बढ़ रहा है।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: शहर गंदगी फैला रहे दूध के चट्टे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। 10 साल से इसका प्रयास चल रहा है, लेकिन चट्टा संचालक कई प्रशासनिक नोटिसें हजम कर अपने स्थान पर डटे हुए हैं। प्रशासन भी नोटिस देकर खानापूर्ति कर लेता है।
शहरी क्षेत्र में दूध के चट्टें स्वच्छता के लिए अभिशाप बने हैं। यहां से निकलने वाला गोबर नालियों को जाम करता है, जिससे सीवर भराव की समस्या होती है। साथ ही सड़ांध और मच्छरों के प्रकोप से लोग परेशान रहते हैं और संक्रामक बीमारियों का खतरा पैदा होता है। इसे देखते हुए कोर्ट आबादी क्षेत्र में चट्टे पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद ोद साल से प्रशासन ने इन्हें हटाने की योजना बना रहा है। सदर पालिका क्षेत्र में छोटे बड़े 67 दूध के चट्टे चिह्नित किए गए। शहर के ज्वालागंज, गढ़ीवा, शादीपुर, नासिरपीर, लोधनपुरवा, मसवानी, पक्कातालाब, तुराब अली पुरवा, अस्ती, गड़रियनपुरवा, राधानगर, नई बस्ती आदि इलाकों में सर्वाधिक चट्टे हैं। नगर पालिका ने इस दौरान दर्जनों नोटिस देकर चट्टा हटाने, नहीं तो मवेशी जब्त करने की चेतावनी दी, लेकिन हुआ कुछ नहीं। सवा साल पहले तत्कालीन डीएम आंजनेय कुमार सिंह ने अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया तो फिर चट्टंा हटाने के प्रयास किया गया। डीएम का स्थानांतरण हो गया और पालिका ने नोटिस भेजने के बाद इन्हें हटवाने की सुधि नहीं ली।
स्वच्छ भारत मिशन को लगता झटका
ज्वालागंज घोसियाने में कदम रखते ही गोबर की सड़ांध और इसके बड़े बड़े ढेर मिल जाएंगे। वहीं नालियों में गोबर और गंदगी पहुंच कर बहाव को बाधित कर रही है। इसके चलते स्वच्छता सर्वेक्षण की रेटिग बिगड़ी है, जिससे सदर पालिका को अमृत योजना में चयन के बावजूद विकास के लिए पर्याप्त धन नहीं मिल पा रहा है। क्या बोले जिम्मेदार
- शहर के आबादी क्षेत्र में चट्टा संचालन को शासन ने प्रतिबंधित किया है। उनकी तैनाती से पूर्व सभी 67 चट्टा संचालकों को नोटिस दी गई थी। इन्हें हटाने का काम सिर्फ नगर पालिका द्वारा नहीं हो सकता है। जमीन आदि के लिए राजस्व विभाग, सुरक्षा के लिए पुलिस बल की जरूरत होती है। इसके लिए नगर पालिका प्रशासन ने जिला प्रशासन को पत्र लिखा है। जल्द ही अभियान शुरू किया जाएगा।
मीरा सिंह, अधिशासी अधिकारी, सदर नगर पालिका