मायावती के इस दांव से सपा-भाजपा में बढ़ी उलझन, फतेहपुर सीट पर प्रत्याशी घोषित कर अटकलों पर लगाया विराम
Lok Sabha Election 2024 लंबी इंतजारी के बाद बुधवार को बसपा ने आखिर अपने पत्ते खोल ही दिए। पार्टी ने पिछड़ी जाति के कुर्मी बिरादरी के प्रत्याशी को चुनाव मैदान मे उतारकर सपा व भाजपा की धड़कन बढ़ा दी है। बसपा ने संसदीय क्षेत्र के अनंतापुर पुखरायां कानपुर देहात के रहने वाले डा. मनीष सिंह सचान को प्रत्याशी बनाया है।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर। लंबी इंतजारी के बाद बुधवार को बसपा ने आखिर अपने पत्ते खोल ही दिए। पार्टी ने पिछड़ी जाति के कुर्मी बिरादरी के प्रत्याशी को चुनाव मैदान मे उतारकर सपा व भाजपा की धड़कन बढ़ा दी है।
बसपा ने संसदीय क्षेत्र के अनंतापुर पुखरायां कानपुर देहात के रहने वाले डा. मनीष सिंह सचान को प्रत्याशी बनाया है। कोआर्डिनेटर राजू गौतम ने प्रत्याशी बनाए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की सहमति मिल गई है, एक-दो दिन में जिले में कार्यक्रम आयोजित कर प्रत्याशी का नाम घोषित किया जाएगा।
संसदीय क्षेत्र के चुनावी घमासान को उस समय और रंगत मिल गई जब बसपा के प्रत्याशी का नाम तय हो गया। यहां भाजपा ने एक माह पहले ही साध्वी निरंजन ज्योति को तीसरी बार मैदान में उतारने की घोषणा कर दी थी। सपा व बसपा में एक-दूसरे के प्रत्याशी का इंतजार हो रहा था, बसपा ने ऐसे चेहरे को उतारा जिसका किसी ने अंदाजा भी नहीं लगाया था।
सपा में बढ़ी उलझन
मनीष सचान का नाम आने के बाद सपा में उलझन बढ़ गई है। सपा यहां से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को मैदान में उतारने का मन बनाए हुए है। बताते है कि मनीष के आने के बाद सपा में जातीय समीकरण को लेकर बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। उधर कुर्मी मतों को लेकर भाजपा की भी चिंता बढ़ गई है।
मनीष ने वर्ष 2010 मेें एमबीबीएस किया और इसके बाद घाटमपुर सीएचसी में पांच साल तक चिकित्साधिकारी के पद पर काम किया। इस समय निजी क्षेत्र के उनके तीन से चार हास्पिटल संचालित है। हलांकि जिले की राजनीति से मनीष का कोई सरोकार नहीं रहा। पार्टी व जिले के लोगों के लिए नया चेहरा है।
प्रत्याशी बनाए जाने पर मनीष ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि वह जन्म से ही बसपा के समर्थक है। बसपा में ही समाज के हर वर्ग के हित में काम करना संभव है। प्रयागराज व फतेहपुर में ही उनकी शिक्षा ग्रहण किया जिससे फतेहपुर उनके लिए कोई नया नहीं है।
सपा गठबंधन में भी था कुर्मी चेहरा
बसपा ने वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव में सपा गठबंधन में मिली सीट पर कुर्मी समाज के पूर्व विधायक सुखदेव वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा था। इस बार यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि बसपा ब्राह्मण व मुस्लिम कार्ड खेल सकती है। ब्राह्मण में पूर्व विधायक आदित्य पांडेय के भाजपा मे चले जाने के बाद बसपा ने आखिर पिछडी जाति में ही भरेासा जताया है। बसपा की नई चाल ने सपा व भाजपा की चिंता बढ़ा दी है।
भाजपा को यह डर सता रहा है कि कुर्मी मत कहीं बिखर न जाए जबकि सपा की तो पूरी गणित ही गड़बड़ा गई है। सपा इस सीट ने कुर्मी बिरादरी के प्रदेश अध्यक्ष को उतारने का मन बनाया था लेकिन बसपा की चाल के बाद सपा उधेड़बुन में पड़ गई है। बसपा जिलाध्यक्ष दीप गौतम ने कहा कि हमारे प्रत्याशी को सभी धर्म व जातियों का समर्थन मिलेगा।
इसे भी पढ़ें: 60 लाख के गहने, बेटी का लंदन में अकाउंट...; कितनी संपत्ति की मालकिन हैं डिंपल यादव?