समाज के लिए प्रेरणा बनी प्रमोद व नंदनी की शादी, साधु-संत बने साक्षी, लोगों ने वर-वधु को दी शुभकामनाएं
फतेहपुर के किशुनपुर में दहेज रहित विवाह कर नंदनी के हमसफर प्रमोद बने है। दाेनों की कस्बा स्थित श्री फाल्गुन गिरि मंदिर में शादी हुई है। जिसमें साधु-संत व दोनों पक्ष के रिश्तेदार भी साक्षी बनकर शामिल हुए है।
फतेहपुर, जागरण संवाददाता। किशुनपुर में माता और पिता का सिर से साया खोने के बाद हाथ पीले करने की जिम्मेदारी बड़ी बहन के ऊपर आई तो दहेज रूपी दानव ने जकड़ लिया। बड़ी बहन की चिंताएं कम होने का नाम नहीं ले रही थीं।
तभी ससुराल के पड़ोसी गांव खागा तहसील के मलूकबारी कछरा निवासी प्रमोद मसीहा बन कर सामने आए। भवानीपुर गांव में ब्याही बड़ी बहन से दहेज रहित विवाह करने का प्रस्ताव रखकर सारी चिंताएं दूर कर दीं। सोमवार को छत्तीसगढ़ प्रांत के दुर्ग जनपद निवासी नंदनी के संग फाल्गुनगिरी सिद्धधाम में सात फेरे लिए। तमाम लोग इस उत्सुकता भरे क्षणों के साक्षी बनते हुए वर एवं वधु पक्ष के लोगों के साथ शुभकामनाएं दीं।
दुल्हन के बहनोई शिवविलास मिश्रा ने बताया कि युवक ने दहेज शादी के लिए हामी भर कर मिशाल कायम की है। मंदिर में पर रीति-रिवाज के साथ विवाह की रश्में सम्पन्न हुईं। ग्राम सभा के पूर्व प्रधान कमलेश यादव, उमेश चंद्र द्विवेदी, महेश, गंगा प्रसाद आदि प्रमुख रहे।