मनरेगा 1.32 अरब का श्रम बजट स्वीकृत, होगा सुधार
जागरण संवाददाता फतेहपुर पिछले साल से रेंग-रेंग कर चल रही मनरेगा को गति देने के लिए
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : पिछले साल से रेंग-रेंग कर चल रही मनरेगा को गति देने के लिए इस साल बजट में तीस फीसद से अधिक का इजाफा किया गया है। जॉबकार्ड धारकों को काम देने के साथ मनरेगा से प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने पर जोर दिया गया है। जलसंचयन के साथ बेकार पड़ी भूमि को कृषि योग्य बनाने में सर्वाधिक धन खर्च किया जाएगा। मनरेगा के बजट में इजाफा होने से जॉबकार्ड धारकों में इस बात की खुशी है कि इस बार गांवों में काम मिलने में आसानी रहेगी। वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए शासन ने मनरेगा बजट को मंजूरी दे दी है। पिछले वित्तीय वर्ष में 93 करोड़ का मनरेगा बजट था जिसे बढ़ाकर इस बार 1.32 अरब का कर दिया गया है। बीते सालों में मनरेगा बजट में 10 फीसद का इजाफा होता था, इस बार इसे बढ़ाकर 30 फीसद बढ़ा दिया गया है। रोजगार के साथ ग्रामीण विकास को गति देने के लिए बजट में 60 फीसद श्रम अंश व 40 फीसद सामाग्री में खर्च किया जाएगा। यह होंगे कार्य
जिला, क्षेत्र व ग्राम पंचायत स्तर पर मनरेगा की तैयार कार्ययोजना के अनुसार कार्य कराने के निर्देश दिए गए है। इस बार मनरेगा का बहुतायत हिस्सा प्राकृतिक संसाधनों को विकसित व संरक्षित करने में खर्च किया जाएगा। तालाब, झील व नदियों में कार्य कराया जाना प्रस्तावित है। पर्यावरण संरक्षण के लिए गांवो की खाली भूमि में पौधरोपण, नर्सरी तैयार करने के अलावा, गांवों की विरासतों को संरक्षित करने में धनराशि खर्च की जा सकती है। बेकार पड़ी भूमि को कृषि योग्य बनाने व उसमें उद्यानीकरण को भी कार्ययोजना का हिस्सा बनाया गया है। तीन लाख मजदूरों को मिलेगा लाभ
जिले में मनरेगा के तहत तीन लाख श्रमिकों के जाब कार्ड बने हुए है। पिछले सालों के आंकड़े देखे जाएं तो एक लाख ही ऐसे श्रमिक है जो मनरेगा के तहत काम की मांग करते है। 1 अरब 32 लाख के बजट में सभी जॉबकार्ड धारकों को काम मांगने का अधिकार है। यह माना जा रहा है कि यदि समय से भुगतान प्रक्रिया शुरू हो जाए तो काम मांगने वालों के संख्या में इजाफा हो सकता है। बकाया धनराशि आई
पिछले साल का बकाया भुगतान जल्द ही श्रमिकों व कार्यदायी संस्थाओं के खाते में पहुंच जाएगा। मनरेगा उपायुक्त पुतान सिंह ने बताया कि खाते में पिछले बकाया की धनराशि प्राप्त हो चुकी है। ब्लाक अधिकारी के माध्यम से एक सप्ताह में ही पिछला बकाया सभी पंचायतों को प्राप्त करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में तकरीबन दस करोड़ का बकाया पड़ा हुआ है।