एमपी से खतरा टला, राजस्थान पर टिकी निगाहें
- यमुना कटरी के गांवों के पलायन को रोकने के लिए सिचाई संसाधन व रोजगार के अवसर बढ़ाए जाए। - सस्ता व सुलभ न्याय की परिकल्पना के लिए बिदकी मुंसिफ न्यायालय की स्थापना की जाए। - गन्ना बाहुल्य क्षेत्र में गन्ना मिल स्थापित कर गन्ना किसानों को उपज का लाभ दिलाने के प्रयास हो। - कृषि प्रधान जनपद में कमांड एरिया से बाहर हुई नहरों मे पानी टेल तक पहुंचाने का प्रबंध किया जाए।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : सात दिन से टिड्डियों का झुंड के आने की संभावना से परेशान अधिकारियों को शनिवार राहत मिली। मध्यप्रदेश में आक्रमण किए टिड्डियों के दो झुंड लगभग नष्ट हो चुके है, राजस्थान में बड़ी संख्या में वाला झुंड अभी भ्रमण कर रहा है कि, लेकिन हवा के रूख के कारण यह झुंड प्रदेश की सीमा में प्रवेश नहीं कर पाया। आपदा राहत दल ने किसानों को आगाह किया कि अभी तो राहत है, लेकिन सर्तक रहे जिससे टिड्डियों के झुंड को नष्ट करने की कार्रवाई की जा सके।
हरियाली को नष्ट करने वाले टिड्डियों के झुंड मध्यप्रदेश व राजस्थान की सीमा में पिछले पांच दिनों से डेरा डाले हुए हैं। प्रदेश की सीमा को छूते हुए यह झुंड हवा के रुख के साथ अपनी दिशा बदल रहे हैं जिससे प्रदेश अभी तक सुरक्षित है। उपकृषि निदेशक अनिल पाठक ने बताया कि मध्यप्रदेश के टिड्डी से खतरा कम हो गया है, एमपी सरकार ने नुकसान पहुंचाने वाले इस दल के कीड़ों को भारी संख्या में रसायनिक दवाओं का छिड़काव करा नष्ट कर दिया है। मामूली संख्या में बची टिड्डियों से खतरा कम हो गया है। कहा कि राजस्थान जाने वाले झुंड में अभी बड़ी संख्या में टिड्डी एक साथ चल रहे हैं। जिले में टिड्डियों के झुंड से निपटने के लिए पहले से तैयारी पूरी कर ली गई है। पानी से भरे टैंकर व रसायनिक दवाएं पर्याप्त मात्रा में हर ब्लाक में उपलब्ध है। कृषि रक्षा केंद्रों में दवाओं का इंतजाम है, किसान भी पूरी तरह से सजग है।