नो-इंट्री में ढीले पड़े अफसर, जनता परेशान
संवाद सहयोगी, खागा : नगर की प्रमुख सड़कों में प्रतिदिन जाम के हालात बन जाते हैं। जाम में यात्री
संवाद सहयोगी, खागा : नगर की प्रमुख सड़कों में प्रतिदिन जाम के हालात बन जाते हैं। जाम में यात्री, स्कूली वाहन और मालभाड़ा लादे वाहन फंसकर घंटों समय बर्बाद करते हैं। धूल, धुआं व तीव्र आवाज में बजने वाले हार्न के शोर से सड़क किनारे के बा¨शदे परेशान हैं। इसके बावजूद इस गंभीर समस्या का निराकरण निकालने की ओर प्रशासनिक अमले ने कोई ध्यान नहीं दिया।
विभिन्न संगठनों द्वारा समय-समय पर नगर के अंदर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाए जाने की मांग की गई। सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक ट्रक, ट्रेलर व डीसीएम आदि गाड़ियों को आबादी के बाहर रोकने की बात रखी गई। अधिवक्ता, व्यापार मंडल तथा समाजसेवी संगठनों द्वारा शुरु की गई पहल में प्रशासनिक हल्के ने एक, दो दिन काम किया। उसके बाद व्यवस्था फिर पुराने ढर्रे पर चलने लगी। नगर के अंदर मौरंग, गिट्टी, सरिया-सीमेंट, किराना तथा हार्डवेयर का सामान लादकर भारी वाहनों का आवागमन रहता है। नो-इंट्री लागू करने के साथ ही यह मसौदा तैयार किया गया था कि यदि जरुरी हो तो वाहनों को हरदों वाया कुकरा गांव होकर हाईवे पर निकाला जाए। कानपुर, इलाहाबाद, झांसी आदि शहरों से किराना, जनरल स्टोर व हार्डवेयर का सामान लेकर आने वाले ट्रक, डीसीएम आदि वाहनों को आबादी के बाहर खड़ा करा दिया जाए। दिन में छोटी गाड़ियों की मदद से सामग्री सीधे दुकान तक पहुंचा कर जाम की समस्या से निपटने की योजना तैयार हुई। नो-इंट्री व्यवस्था लागू न होने की वजह से प्रतिदिन जीटी रोड, किशुनपुर रोड तथा नौबस्ता रोड तिराहे में जाम के हालात पैदा होते हैं। जाम में फंसकर स्कूली वाहन, यात्री वाहन, तिपहिया, चार पहिया वाहन घंटों का समय बर्बाद करते हैं।
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क्या कहते हैं लोग
- नो-इंट्री लागू होने से प्रमुख जगहों पर लगने वाले जाम से छुटकारा मिल जाएगा। जब तक यह नियम नहीं लागू होता है। लोगों को जाम से जूझना पड़ेगा।
- संजय गुप्त, व्यापारी
- शहरी आबादी बढ़ने के साथ ही वाहनों की आवाजाही अधिक हुई है। सुबह से देर रात तक सड़कों में छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही से पैदल राहगीरों को जाम से जूझना पड़ता है।
- ऋषि पांडेय, व्यापारी
- त्योहार, खास मौकों पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी जिस तरह यातायात बहाली कराते हैं। आम दिनों में भी चौराहों, तिराहों में चौकस व्यवस्था होनी चाहिए। नो-इंट्री न लागू होने से हैवी वाहन भीड़भाड़ वाले इलाकों में पहुंच जाते हैं।
- छेदीलाल ¨सह
- रोजाना लगने वाले जाम को देखते हुए नो-इंट्री व्यवस्था लागू होना जरुरी बन चुका है। प्रशासनिक अधिकारियों को जाम की समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए आम जनमानस के हित में इसे लागू कराना चाहिए।
- सुरेश केसरवानी, व्यापारी
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क्या कहते जिम्मेदार
- जाम की समस्या इधर कुछ दिनों से बढ़ती जा रही है। अभियान चलाकर सड़क किनारे का अतिक्रमण हटवाने के साथ ही हैवी वाहनों के प्रवेश को लेकर योजना तैयार की जाएगी।
- अमित कुमार भट्ट, उपजिलाधिकारी-खागा