खटारा बसें यात्रियों के लिये बनी आफत
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : रोडवेज की खटारा बसें विभाग के आय में बढ़ोत्तरी नहीं होने द
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : रोडवेज की खटारा बसें विभाग के आय में बढ़ोत्तरी नहीं होने दे रही है, इनमें यात्री बैठने से घबराते हैं और अन्य वाहनों के सहारे अपनी यात्रा पूरी करते हैं। ये बसें अक्सर रास्ते में तकनीकी खराबी आने पर खड़ी हो जाती हैं, जिससे मुसाफिरों को अन्य वाहनों से यात्रा पूरी करनी पड़ती है। हालांकि बसों को जर्जर बनाने में रूटों की उखड़ी सड़कें भी मुख्य वजह बनकर उभरी हैं।
शहर के ज्वालागंज रोडवेज बस अड्डे से से नई दिल्ली, आगरा, बनारस, इलाहाबाद, बनारस, लखनऊ, बांदा, हमीरपुर कानपुर समेत कई जिलों के लिए बसें सवारी बैठाकर दौड़ती हैं। वही स्थानीय 16 रूटों पर रोडवेज की बसें दौड़ती हैं। इनमें कई रूटों पर दौड़ रही बसें खटारा भी हैं। इनसे विभाग को महीने में 22 लाख रुपये राजस्व मिलता था, लेकिन बसों के खटारा होने से प्रतिमाह 4 से 5 लाख रुपये का राजस्व कम आ रहा है।
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डग्गामारी की भेजी रिपोर्ट
- एआरएम ने जीटी रोड समेत कई रूटों पर दौड़ रहे डग्गामार वाहनों की रिपोर्ट विभागीय मंत्री को भेजी है, जिसमें कहा है कि डिपो के सामने पर डग्गामार वाहन सवारी बैठाकर ले जाते हैं। कभी-कभार तो कर्मियों एवं डग्गामार वाहन के चालकों से मारपीट तक की नौबत आ जाती है। एआरएम ने छोटे एवं बड़े डग्गामार वाहनों की संख्या ढाई सौ दिखाई है।
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नई बसों की मांग विभागीय उच्चधिकारियों से की गई है, उम्मीद है कि एक-दो माह में नई बसें डिपो को मिल जाएगी। वैसे यात्रियों के आवागमन में बसों की कमी न खटके।- मक्खनलाल केशरवानी, एआरएम रोडवेज।
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दौड़ रही कुल बसें -112
रोडवेज की -82
अनुबंधित - 30
मांगी गई नई बसें - 20
अब तक मिली बसें - 3